क्या बिक्रम सिंह मजीठिया हाई कोर्ट में जमानत पाने में सफल होंगे? 8 जुलाई को होगी सुनवाई

सारांश
Key Takeaways
- बिक्रम सिंह मजीठिया ने हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की है।
- जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी।
- मजीठिया पर 540 करोड़ रुपए की ड्रग मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है।
चंडीगढ़, 4 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ड्रग मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किए गए शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने अपनी जमानत याचिका के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट का रुख किया है। इस याचिका पर अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी। मजीठिया को गत सप्ताह इस मामले में गिरफ्तार किया गया था।
जानकारी के अनुसार, मजीठिया ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। हालांकि, याचिका में कुछ तकनीकी खामियां थीं, जिसके कारण कोर्ट ने इसे फिर से दायर करने का निर्देश दिया। अब, हाई कोर्ट ने मजीठिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए 8 जुलाई की तारीख निर्धारित की है।
मजीठिया के वकील रविंद्र सिंह सेम्पला ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "यह मामला कल कोर्ट में सुनवाई के लिए आया था। उस समय हमारे पास नया रिमांड आदेश नहीं था, क्योंकि यह न तो न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड किया गया था और न ही हमारे पास था। कोर्ट ने हमें आज उस आदेश को रिकॉर्ड पर रखने का निर्देश दिया, जिसे हमने किया है। अदालत ने दोनों पक्षों को अपने निर्देश पूरे करने के लिए 8 जुलाई तक का समय दिया है।"
उन्होंने आगे बताया, "हमारी याचिका में मजीठिया की रिमांड को रद्द करने और गलत तरीके से हिरासत में रखने को चुनौती दी गई है। हमने हाई कोर्ट को बताया है कि मजीठिया की गिरफ्तारी सुबह 11:20 पर अरेस्ट ऑर्डर में दिखाई गई है, जबकि उन्हें सुबह 9:30 बजे हाउस अरेस्ट कर लिया गया था। साथ ही, यह भी बताया कि उन्हें गलत तरीके से हिरासत में रखा गया और 24 घंटे के भीतर रिमांड के लिए पेश करने का नियम नहीं माना गया।"
उल्लेखनीय है कि मोहाली कोर्ट ने बुधवार को बिक्रम मजीठिया को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। इससे पहले, उन्हें 26 जून को मोहाली कोर्ट ने 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा था, जो 1 जुलाई को समाप्त हो गई थी।
पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने बिक्रम सिंह मजीठिया को अमृतसर स्थित उनके आवास से पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया था। उन पर 540 करोड़ रुपए से अधिक की ड्रग मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है।