क्या पीएम मोदी के नेतृत्व में बंगाल की पहचान वापस मिलेगी?

सारांश
Key Takeaways
- बैठक में संगठन के बारे में विस्तृत चर्चा हुई।
- प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बंगाल की पहचान लौटाने की बात की गई।
- एसआईआर चुनाव आयोग का मामला है।
- बंगाल के लोगों का भाजपा पर विश्वास।
- मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणियों पर भाजपा की प्रतिक्रिया।
कोलकाता, ३ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल में शुक्रवार को केंद्रीय और राज्य के भाजपा नेताओं की साल्ट लेक पार्टी ऑफिस में बैठक आयोजित की गई। इस बैठक के बाद भाजपा सांसद विप्लव कुमार देव ने कहा कि बैठक में संगठन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई।
विप्लव कुमार देव ने कहा, "हमारी एक महत्वपूर्ण बैठक भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में केंद्रीय और राज्य के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में संगठन के बारे में चर्चा की गई, और कई सुझाव प्राप्त हुए हैं। सभी सुझावों पर चर्चा की जाएगी।"
उन्होंने आगे कहा कि हमें मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बंगाल की जनता को उनकी पहचान लौटानी है। जिस भूमि का सपना स्वामी विवेकानंद, ईश्वर चंद्र विद्यासागर और रबिंद्रनाथ ठाकुर ने देखा था, उसी भूमि को पुनः गौरव प्रदान करने का सपना प्रधानमंत्री मोदी ने देखा है, और इसे हम सब मिलकर पूरा करेंगे। इसमें बंगाल की सभी जनता का सहयोग आवश्यक है।
बंगाल में एसआईआर लागू करने के मुद्दे पर भाजपा सांसद ने कहा, "एसआईआर का मुद्दा भाजपा का नहीं है, बल्कि यह चुनाव आयोग का मामला है। चुनाव आयोग पहले भी एसआईआर लागू कर चुका है।"
उन्होंने यह भी कहा कि बंगाल के लोग भाजपा पर विश्वास करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बंगाल का विकास होगा, और जनता इसे मानती है। यहाँ के लोगों को आज़ादी की आवश्यकता है, जो मोदी सरकार में संभव है।
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान "भाजपा वाले बंगाली बनकर दिखाना चाहते हैं" पर भाजपा सांसद ने कहा कि हमें किसी से सर्टिफिकेट लेने की आवश्यकता नहीं है, चाहे वह ममता बनर्जी हों या कोई अन्य। हम बंगाल के लोगों के साथ खड़े हैं। हमारी सरकार लोगों को गुमराह नहीं करती, बल्कि काम करके दिखाती है।