क्या भाजपा विधायक अश्विनी शर्मा ने धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी विधेयक का समर्थन किया?

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क्या भाजपा विधायक अश्विनी शर्मा ने धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी विधेयक का समर्थन किया?

सारांश

भाजपा विधायक अश्विनी शर्मा ने पंजाब में बेअदबी संबंधी विधेयक का समर्थन किया है। उन्होंने सजा को सख्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया और आप सरकार की नीयत पर सवाल उठाए। पढ़ें इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर उनका क्या कहना है।

Key Takeaways

  • धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के खिलाफ सख्त कानून की आवश्यकता है।
  • सजा को तीन साल से दस साल या उम्रकैद करने की मांग।
  • मूर्तियों के अपमान के खिलाफ भी कानून बनाने की आवश्यकता।
  • राजनीतिक विवादों में ध्यान भटकाने की संभावना।
  • पंजाब में कानून-व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक।

चंडीगढ़, 15 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक अश्विनी शर्मा ने धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के खिलाफ कठोर कानून का समर्थन किया है। उनका कहना है कि ऐसे अपराधों के लिए दंड को और सख्त बनाना आवश्यक है।

समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में उन्होंने पंजाब में प्रस्तावित 'बेअदबी विरोधी विधेयक' पर जोर देते हुए कहा, "हम इस विधेयक का समर्थन करते हैं। बेअदबी के लिए सजा को तीन साल से बढ़ाकर दस साल या उम्रकैद होना चाहिए।"

शर्मा ने बताया कि रामायण, विष्णु पुराण, भागवत पुराण और अन्य धार्मिक ग्रंथों का अपमान रोकने की आवश्यकता है। साथ ही, मूर्तियों को खंडित करने वालों के खिलाफ भी सख्त कानून बनाने की मांग की। उन्होंने पंजाब की मौजूदा 'आप' सरकार पर निशाना साधते हुए विधायक नरेश यादव के मामले को भी उठाया।

भाजपा नेता ने कहा, "नरेश यादव के खिलाफ बेअदबी के मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी। निचली अदालत ने दो लोगों को सजा दी, लेकिन नरेश यादव को बरी कर दिया। बाद में अकाली-बीजेपी सरकार ने ऊपरी अदालत में अपील की, लेकिन जब आप सरकार सत्ता में आई, तो उसने नरेश यादव को बचाने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें केस वापस लेने की मांग की गई। अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया और यादव को दो साल की सजा सुनाई।"

उन्होंने इस घटना को आप सरकार की नीयत पर सवाल उठाने वाला बताया और कहा कि आप सरकार की इस हरकत से शक पैदा होता है। बोले, "पंजाब में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब है, गोलीकांड और फिरौती की घटनाएं बढ़ रही हैं। क्या इस विधेयक के जरिए ध्यान भटकाने की कोशिश हो रही है? भाजपा इस कानून का समर्थन करती है, लेकिन सरकार की नीयत स्पष्ट होनी चाहिए।"

शर्मा ने कहा कि धार्मिक ग्रंथों और प्रतीकों की बेअदबी रोकने के लिए व्यापक कानून की आवश्यकता है।

पठानकोट से विधायक अश्विनी शर्मा ने केंद्र और राज्य सरकार से अपील की कि मूर्ति खंडन जैसे मामलों को भी इस कानून में शामिल किया जाए, ताकि सभी धर्मों के लोगों की भावनाओं का सम्मान हो।

गौरतलब है कि पंजाब के मलेरकोटला में 24 जून 2016 को एक धार्मिक ग्रंथ के फटे पन्ने मिलने से सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न हुआ। इस मामले में दिल्ली के महरौली से आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक नरेश यादव को आरोपी बनाया गया। एक अन्य आरोपी, विजय कुमार ने दावा किया कि यादव ने 1 करोड़ रुपये का ऑफर देकर बेअदबी करवाई ताकि 2017 के पंजाब चुनाव में आप को लाभ हो। 2016 में यादव को गिरफ्तार किया गया, लेकिन 2021 में निचली अदालत ने उन्हें बरी कर दिया। शिकायतकर्ता मोहम्मद अशरफ की अपील के बाद, 29 नवंबर 2024 को मलेरकोटला की अदालत ने यादव को दो साल की सजा और 11,000 रुपये जुर्माना सुनाया। 5 दिसंबर 2024 को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने उनकी सजा निलंबित कर जमानत दी। यह मामला राजनीतिक विवाद का केंद्र बना।

Point of View

यह स्पष्ट है कि धार्मिक संवेदनाओं का सम्मान करना समाज की जिम्मेदारी है। भाजपा विधायक अश्विनी शर्मा का यह बयान विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच बढ़ती तनाव को कम करने का प्रयास हो सकता है। सरकार को समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस विधेयक का उद्देश्य धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के खिलाफ कठोर सजा निर्धारित करना है।
भाजपा विधायक ने किस प्रकार की सजा का समर्थन किया है?
भाजपा विधायक अश्विनी शर्मा ने बेअदबी के लिए सजा को तीन साल से बढ़ाकर दस साल या उम्रकैद करने की बात की है।
क्या आप सरकार इस विधेयक के खिलाफ है?
आप सरकार की नीयत पर सवाल उठाया गया है, लेकिन इसका स्पष्ट जवाब नहीं आया है।