क्या आगामी मानसून सत्र महत्वपूर्ण है? जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों से उम्मीदें: बीएल वर्मा

सारांश
Key Takeaways
- मानसून सत्र का महत्व
- रचनात्मक राजनीति की आवश्यकता
- जनता की उम्मीदें और प्रतिनिधियों की भूमिका
- विपक्ष से सहयोग की अपील
- आस्था का सम्मान
नई दिल्ली, 19 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने आगामी मानसून सत्र को लेकर कहा कि प्रत्येक संसदीय सत्र देश और जनता के हित में अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने बताया कि जनता को अपने चुने हुए प्रतिनिधियों, चाहे वे लोकसभा से हों या राज्यसभा से, बहुत उम्मीदें रहती हैं।
बीएल वर्मा ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार सत्र के दौरान प्रभावी कार्य और देशहित में निर्णय लेने के लिए प्रतिबद्ध है। मैं विपक्ष से अपील करता हूं कि वे सदन को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करें और जनहित के मुद्दों पर स्वस्थ चर्चा को बढ़ावा दें। इस बार सत्र की कार्य अवधि काफी लंबी रखी गई है। मैं विपक्ष से अनुरोध करता हूं कि वे खुले मन से इस सत्र को समृद्ध बनाने में योगदान दें।
उन्होंने विपक्ष से नकारात्मक राजनीति छोड़कर रचनात्मक सहयोग की अपेक्षा जताई। केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वो चाहे कुछ भी कहें, मैं इतना कह सकता हूं कि प्रधानमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा है कि युद्धविराम पाकिस्तान की पहल के बाद ही हुआ। लोग अपने देश या अपने प्रधानमंत्री पर भरोसा नहीं कर रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को केवल भारत और पाकिस्तान के लोगों ने ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया ने देखा है।
उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोग अपने देश और प्रधानमंत्री पर भरोसा नहीं करते, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
बीएल वर्मा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, "राहुल गांधी की बातों को उनकी पार्टी के नेता भी गंभीरता से नहीं लेते। वह आज अपने जीजा को याद कर रहे हैं, लेकिन देश के नागरिकों का हित सर्वोपरि है। भ्रष्टाचार करने वाला कोई भी व्यक्ति कानून से नहीं बच सकता, क्योंकि स्वतंत्र एजेंसियां अपना काम निष्पक्षता से करती हैं।"
वीएल वर्मा ने प्रधानमंत्री मोदी की वैश्विक स्तर पर बढ़ती साख की प्रशंसा की और कहा कि यह देश के लिए गौरव की बात है। हालांकि विपक्ष पीएम मोदी के अच्छे कार्यों की भी आलोचना करता रहता है। विपक्ष की नकारात्मक राजनीति को देश की जनता नकार देगी।
आस्था के मुद्दे पर बोलते हुए बीएल वर्मा ने कहा कि सरकार सभी धर्मों और त्योहारों का सम्मान करती है। उन्होंने कहा कि जब दूसरे लोगों के त्योहार आते हैं, तो हम उनके त्योहारों पर कोई टिप्पणी नहीं करते हैं क्योंकि श्रद्धा का पूरा सम्मान होना चाहिए। जब सावन का महीना आता है और देश के श्रद्धालु कांवड़ के रूप में मां गंगा के जल को लेकर भोले बाबा पर चढ़ते हैं, तो उनकी आस्था पर चोट पहुंचाने का अधिकार किसी को नहीं है। आस्था के खिलाफ बयानबाजी करने वालों के खिलाफ कानून अपना कार्य करेगा।