क्या ब्रिटेन के सांसद बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं?

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क्या ब्रिटेन के सांसद बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं?

सारांश

क्या ब्रिटेन के सांसद बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति पर गंभीर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं? जानें इस सेमिनार के महत्वपूर्ण निष्कर्षों के बारे में, जिसमें बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की कमी पर चिंता व्यक्त की गई।

Key Takeaways

  • ब्रिटेन के सांसदों ने बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा की मांग की है।
  • यूनुस सरकार के खिलाफ कठोर कदम उठाने की जरूरत है।
  • बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति चिंताजनक है।
  • हिंदू समुदाय भय में जी रहे हैं।
  • राजनीतिक प्रतिनिधित्व का महत्व बढ़ता जा रहा है।

लंदन, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ब्रिटेन के कई प्रमुख राजनीतिक नेता, पूर्व और वर्तमान सांसद, मानवाधिकार कार्यकर्ता और विभिन्न धार्मिक समुदायों के सदस्यों ने प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की सरकार से अनुरोध किया है कि वह बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के खिलाफ कठोर कदम उठाए। यह सरकार धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने में विफल रही है।

कंजर्वेटिव फ्रेंड्स ऑफ बांग्लादेश (सीएफओबी) द्वारा आयोजित एक सेमिनार में यह बताया गया कि जब यूनुस ने शेख हसीना की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई अवामी लीग सरकार के हटने के बाद अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्यभार संभाला, तब (5 अगस्त से 20 सितंबर, 2024 तक) हिंदुओं के खिलाफ 2,010 हिंसक घटनाएं हुईं।

इसके बाद बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा जारी रही, जिसमें 21 सितंबर से 31 दिसंबर 2024 के बीच 174 और 1 जनवरी से 30 जून 2025 के बीच 258 घटनाएं दर्ज की गईं।

यह भी कहा गया कि बांग्लादेश में पुलिस और सेना ने मूकदर्शक की भूमिका निभाई है। पिछले 11 महीनों में यूनुस की 'गैर-जिम्मेदार, अपारदर्शी, गैर-निर्वाचित सरकार' ने 168 पत्रकारों का पंजीकरण रद्द कर दिया और 43 को जेल में डाल दिया।

सेमिनार की शुरुआत सीएफओबी अध्यक्ष अंजेनारा रहमान-हक ने की और इसकी अध्यक्षता बॉब ब्लैकमैन ने की, जो 1922 समिति के अध्यक्ष, 2024 से बैकबेंच बिजनेस कमेटी के अध्यक्ष और कंजर्वेटिव फ्रेंड्स ऑफ बांग्लादेश (सीएफओबी) के संसदीय अध्यक्ष भी हैं।

वक्ताओं ने कहा कि धार्मिक अल्पसंख्यक बांग्लादेश के आर्थिक विकास और राजनीतिक स्थिरता में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं और राजनीति में उनका आनुपातिक प्रतिनिधित्व होना चाहिए ताकि वे न्याय, शांति और सद्भाव की स्थापना के लिए चुनाव प्रक्रिया में भाग ले सकें।

ब्रिटेन के यूनाइटेड हिंदू अलायंस के हराधन भौमिक ने बताया कि हिंदू भय के साए में जी रहे हैं। वे घर पर चैन से सो नहीं सकते, क्योंकि उन्हें नहीं पता कि कल क्या होगा। उन्होंने कहा कि 26 जून को मुरादनगर में एक हिंदू महिला के साथ कुमिला के एक स्थानीय राजनेता द्वारा बलात्कार किया गया और उसके नग्न शरीर के वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित किए गए।

ब्रिटेन के बौद्ध समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हुए बैरिस्टर प्रशांत बरुआ ने बांग्लादेश में समाज के कट्टरपंथ के बारे में अपनी चिंताएं व्यक्त की और मलेशिया में 36 बांग्लादेशी चरमपंथियों की गिरफ्तारी का भी उल्लेख किया।

ढाका में हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लामी (हूजी) के गुर्गों की गतिविधियां बांग्लादेश में कट्टरपंथी ताकतों की बढ़ती मौजूदगी का संकेत देती हैं, और यूनुस सरकार उनके खिलाफ कोई गंभीर कार्रवाई नहीं कर रही है। बरुआ ने चटगांव हिल ट्रैक्स में स्थानीय लोगों पर लगातार हो रहे हमलों को लेकर अपनी आशंकाएं भी व्यक्त कीं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करना हमारे लिए अत्यंत आवश्यक है। ब्रिटेन के सांसदों की पहल एक सकारात्मक कदम है, लेकिन हमें इस दिशा में ठोस और प्रभावी कार्रवाई की आवश्यकता है।
NationPress
10/12/2025

Frequently Asked Questions

ब्रिटेन के सांसदों ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के बारे में क्या कहा?
ब्रिटेन के सांसदों ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की और यूनुस सरकार के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की है।
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ कितनी हिंसक घटनाएं हुई हैं?
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ 2024 में 2,010 हिंसक घटनाएं हुईं और 2025 में भी ऐसी घटनाओं की संख्या बढ़ी है।
यूनुस सरकार की भूमिका क्या है?
यूनुस सरकार ने धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफलता दिखाई है और उसकी कार्रवाई की कमी पर सवाल उठाए गए हैं।
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