क्या सीबीआई ने मुंबई में सीजीएसटी अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए पकड़ा?

सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई ने दो सीजीएसटी अधिकारियों को रिश्वत लेते पकड़ा।
- यह कार्रवाई एक निजी फर्म की शिकायत के बाद हुई।
- भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सीबीआई की यह कार्रवाई महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
- लोगों को रिश्वत मांगने की स्थिति में तुरंत शिकायत करने की सलाह दी गई है।
- सरकारी अधिकारियों में भ्रष्टाचार की समस्या गंभीर है।
मुंबई, 8 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मुंबई में केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) विभाग के दो अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है।
ये अधिकारी सांताक्रूज डिवीजन में तैनात अधीक्षक और निरीक्षक हैं, जिन्हें 25,000 रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में पकड़ा गया। यह कार्रवाई एक शिकायत के बाद हुई, जिसमें इन अधिकारियों पर एक निजी फर्म से अनुचित लाभ मांगने का आरोप लगा था।
जानकारी के अनुसार, यह मामला 7 अक्टूबर को दर्ज हुआ, जब एक कपड़ा व्यापार से जुड़ी फर्म ने शिकायत की। फर्म ने 24 सितंबर को जीएसटी पंजीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। आरोप है कि 3 अक्टूबर को निरीक्षण के दौरान निरीक्षक ने फर्म से 25,000 रुपए की रिश्वत मांगी। उसने धमकी दी कि बिना पैसे दिए जीएसटी पंजीकरण प्रमाणपत्र नहीं दिया जाएगा। यह रकम अधीक्षक और निरीक्षक दोनों के लिए मांगी गई थी, ताकि फर्म के लिए अनुकूल रिपोर्ट बनाई जा सके।
सीबीआई ने इस शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की और जाल बिछाया। 7 अक्टूबर को सीजीएसटी पश्चिम मुंबई कार्यालय में दोनों अधिकारियों को रंगेहाथों पकड़ा गया, जब वे 25,000 रुपए ले रहे थे। इसके बाद सीबीआई ने उनके परिसरों की तलाशी ली और सबूत जुटाए। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार को रोकने की दिशा में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।
गिरफ्तार दोनों अधिकारियों को मुंबई की अदालत में पेश किया जाएगा। सीबीआई के मुताबिक, जांच अभी जारी है और आगे और खुलासे हो सकते हैं। इस मामले से सरकारी अधिकारियों में भ्रष्टाचार की गंभीर समस्या सामने आई है, जो छोटे कारोबारियों के लिए परेशानी का कारण बन रही है।
मुंबई पुलिस और सीबीआई के अधिकारी इस तरह की शिकायतों पर सख्त नजर रख रहे हैं। कारोबारी समुदाय ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि इससे भविष्य में रिश्वतखोरी पर लगाम लगेगी।
वहीं, सीबीआई ने लोगों से अपील की है कि अगर उन्हें भी रिश्वत की मांग का सामना करना पड़े तो तुरंत शिकायत करें। यह मामला देश में पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग को और मजबूत कर सकता है।