क्या चाईबासा में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के बंकरों को ध्वस्त किया?

सारांश
Key Takeaways
- सुरक्षा बलों की सफलता ने नक्सलियों की योजनाओं को नाकाम किया।
- गुप्त सूचना पर कार्रवाई से नक्सलियों के बंकर ध्वस्त हुए।
- अभियान में कई प्रमुख सुरक्षा बलों ने भाग लिया।
- घायल जवानों की स्थिति स्थिर है।
- नक्सलियों के खिलाफ यह एक बड़ा कदम है।
चाईबासा, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के कोल्हान प्रमंडल में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में सुरक्षा बलों ने शुक्रवार को एक बड़ी उपलब्धि प्राप्त की। झारखंड पुलिस, कोबरा 209 बटालियन, सीआरपीएफ और झारखंड जगुआर की संयुक्त कार्रवाई में जराईकेला थाना क्षेत्र के हेंडेकुली जंगल-पहाड़ी इलाके में तीन नक्सली बंकरों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया।
चाईबासा के पुलिस अधीक्षक राकेश रंजन को गुप्त सूचना मिली थी कि माओवादी नेता मिसिर बेसरा, अनमोल, मोछु अनल, असीम मंडल, अजय महतो, सागेन अंगरिया, अश्विन, पिंटू लोहरा, चंदन लोहरा, अमित हांसदा उर्फ अपटन, जयकांत और रापा मुंडा सहित नक्सलियों का एक हथियारबंद दल सारंडा-कोल्हान क्षेत्र में किसी बड़े विध्वंसक कार्रवाई की योजना बना रहा है। इस सूचना में यह भी बताया गया था कि नक्सलियों ने सुरक्षा बलों की कार्रवाई को रोकने के लिए पहाड़ी और जंगल क्षेत्र में विस्फोटक और अन्य सामग्रियां छिपा रखी हैं।
इस जानकारी के आधार पर 7 अगस्त को संयुक्त बलों ने एक सर्च ऑपरेशन शुरू किया। 8 अगस्त को हेंडेकुली इलाके में तलाशी के दौरान तीन नक्सली बंकरों का पता चला, जिन्हें ध्वस्त कर दिया गया। मौके से भारी मात्रा में नक्सली सामग्री बरामद की गई, जिसमें तार सहित बैटरी, नक्सली वर्दियां (हरी और काली), जंगली जूते, पिटू बैग, काला पटका, स्टील कंटेनर, काला पॉलिथीन और अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुएं शामिल हैं।
इसी दौरान, शुक्रवार को नक्सलियों ने सारंडा के घने जंगल में विस्फोट कर कोबरा 209 बटालियन के दो जवानों को घायल कर दिया था। दोनों को उपचार के लिए एयरलिफ्ट कर दोपहर बाद रांची लाया गया। उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है। सुरक्षा बलों को नुकसान पहुँचाने और अपने ठिकानों तक पहुँचने से रोकने के लिए नक्सलियों ने पूरे इलाके में जमीन के नीचे जगह-जगह आईईडी लगाए हुए हैं, जिन पर जवानों के पांव पड़ते ही विस्फोट हो जाता है।