क्या अखिलेश यादव लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं?

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क्या अखिलेश यादव लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं?

सारांश

मुरादाबाद में भाजपा अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पर तीखा हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने में लगे हैं। यह स्थिति देश के लोकतंत्र के लिए चिंताजनक है। जानिए इस मुद्दे पर उनका क्या कहना है।

Key Takeaways

  • भाजपा अध्यक्ष ने सपा और कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए।
  • अखिलेश यादव लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।
  • भाजपा की जनकल्याणकारी नीतियों से लोगों का विश्वास बढ़ा है।
  • चुनाव आयोग के प्रति विपक्ष का रवैया चर्चा का विषय है।
  • पारदर्शिता वाली मतदाता सूची की आवश्यकता पर जोर।

मुरादाबाद, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला।

चौधरी भूपेंद्र सिंह ने मीडिया से बातचीत में सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। संवैधानिक संस्थाओं को निशाना बनाकर और अनावश्यक आरोप लगाकर, वे स्पष्ट रूप से जनादेश का अनादर कर रहे हैं और लोगों के वोटों को कमजोर कर रहे हैं। ऐतिहासिक रूप से, अगर किसी ने लोकतंत्र को सबसे ज्यादा कमजोर करने की कोशिश की है, तो वह समाजवादी पार्टी और कांग्रेस रही हैं। कांग्रेस के दौरान देश में इमरजेंसी लागू की गई और मीसा में पूरा देश बंद कर दिया गया।

उन्होंने आगे कहा कि कन्नौज में सपा ने 2012 में डिंपल यादव को निर्विरोध चुनाव जितवाया। किसी को नामांकन तक नहीं करने दिया गया। पिछले चुनावों में प्रधानमंत्री मोदी और योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जनकल्याणकारी नीतियों से लोगों का विश्वास भाजपा में बढ़ा है। इस बौखलाहट में ये पार्टियां संवैधानिक संस्थाओं को अपमानित कर रही हैं। यह देश के लोकतंत्र के हित में नहीं है।

उन्होंने विपक्ष के चुनाव आयोग के खिलाफ महाभियोग लाने के सवाल पर कहा कि जब परिणाम इनके अनुकूल आएंगे तो ये कुछ नहीं कहेंगे। इस तरह से लोकतंत्र में जनादेश का अपमान करना विपक्ष का चरित्र बन गया है, जो लोकतंत्र के हित में नहीं है।

चौधरी भूपेंद्र सिंह ने केंद्र सरकार के विधेयक के मामले में कहा कि सरकार द्वारा लाई गई विधेयक वर्तमान समय और परिस्थितियों में देश और समाज के हित में है। लोकतंत्र में जनता ने हमें चुना है, तो जनता की अपेक्षा के अनुसार हमें उन सब विषयों पर काम करने का अधिकार है।

उन्होंने एसआईआर के मुद्दे पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। चौधरी भूपेंद्र सिंह ने कहा कि देश की जनता को तय करना है कि उन्हें पारदर्शिता वाली मतदाता सूची चाहिए या बांग्लादेशी और रोहिंग्‍याओं के वोटर लिस्ट से चुनी सरकार चाहिए। निश्चित तौर पर जनता को मत देने का अधिकार है। पारदर्शी लिस्ट और पारदर्शी चुनाव के लिए चुनाव आयोग काम कर रही है। अगर किसी को आपत्ति है तो वह अपनी शिकायत शपथपत्र के जरिए आयोग को दे सकता है।

Point of View

जो दर्शाता है कि कैसे विभिन्न पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप लगाकर अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने का प्रयास कर रही हैं। यह स्थिति लोकतंत्र के लिए चिंताजनक हो सकती है, क्योंकि इससे राजनीतिक अस्थिरता का खतरा बढ़ता है।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

चौधरी भूपेंद्र सिंह ने अखिलेश यादव पर क्या आरोप लगाया?
उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं।
कन्नौज में डिंपल यादव को निर्विरोध चुनाव कैसे जितवाया गया?
सपा ने 2012 में किसी को नामांकन तक नहीं करने दिया और डिंपल यादव को निर्विरोध जीत दिलाई।
भाजपा के पिछले चुनावों में क्या सफलता मिली?
प्रधानमंत्री मोदी और योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जनकल्याणकारी नीतियों के कारण लोगों का विश्वास भाजपा में बढ़ा है।
चौधरी भूपेंद्र सिंह का चुनाव आयोग के बारे में क्या कहना है?
उन्होंने कहा कि विपक्ष जब परिणाम उनके अनुकूल होंगे, तब वे कुछ नहीं कहेंगे।
पारदर्शिता वाली मतदाता सूची पर चौधरी भूपेंद्र सिंह का क्या मत है?
उन्होंने कहा कि जनता को तय करना है कि उन्हें पारदर्शिता वाली मतदाता सूची चाहिए या अन्य।