क्या चेन्नई में 32 देशों के विशेषज्ञ समुद्री तेल रिसाव आपदा से निपटने के लिए जुटेंगे?

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क्या चेन्नई में 32 देशों के विशेषज्ञ समुद्री तेल रिसाव आपदा से निपटने के लिए जुटेंगे?

सारांश

भारत के समुद्री सुरक्षा बल, आईसीजी, 32 देशों के विशेषज्ञों के साथ समुद्री तेल रिसाव से निपटने की तैयारी करने के लिए अद्वितीय अभ्यास का आयोजन कर रहा है। यह अभ्यास राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया में सहयोग को सुदृढ़ करेगा।

Key Takeaways

  • समुद्री प्रदूषण में प्रभावी प्रतिक्रिया के लिए 32 देशों का सहयोग।
  • अभ्यास से राष्ट्रीय तैयारियों का मूल्यांकन।
  • अंतर-एजेंसी समन्वय की दक्षता का परीक्षण।
  • समुद्री पर्यावरण संरक्षण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता।
  • नए तकनीकी मानकों की स्थापना।

नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) समुद्री तेल रिसाव आपदाओं के प्रभावी समाधान हेतु अपनी तैयारियों को सुदृढ़ बनाने के लिए 5 से 6 अक्टूबर को तमिलनाडु के चेन्नई के तट पर एक महत्वपूर्ण अभ्यास आयोजित कर रहा है। इस आयोजन में 32 देशों के 40 से अधिक विदेशी पर्यवेक्षक एवं 100 से अधिक राष्ट्रीय प्रतिनिधि शामिल होंगे।

यह आयोजन राष्ट्रीय स्तर पर प्रदूषण प्रतिक्रिया अभ्यास (एनएटीपीओएलआरईएक्स-एक्स) का 10वां संस्करण होगा, जो 27वीं राष्ट्रीय तेल रिसाव आपदा आकस्मिक योजना (एनओएसडीसीपी) एवं तैयारी बैठक के साथ मिलकर आयोजित किया जाएगा।

भारतीय तटरक्षक बल का यह द्विवार्षिक अभ्यास समुद्री तेल रिसाव की घटनाओं से निपटने के लिए भारत की राष्ट्रीय तैयारियों का मूल्यांकन और संवर्धन करेगा। साथ ही, यह एनओएसडीसीपी के तहत उल्लिखित अंतर-एजेंसी समन्वय की दक्षता का परीक्षण करेगा। इस अभ्यास की देखरेख भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक और एनओएसडीसीपी के अध्यक्ष परमेश शिवमणि, एवीएसएम, पीटीएम, टीएम करेंगे। वह भाग लेने वाली एजेंसियों के बीच तैयारियों और तालमेल के स्तर का आकलन करेंगे।

इस महत्वपूर्ण आयोजन में केंद्रीय मंत्रालयों, तटीय राज्य सरकारों, प्रमुख बंदरगाहों, तेल प्रबंधन एजेंसियों और समुद्री संगठनों सहित विभिन्न राष्ट्रीय हितधारकों की सक्रिय भागीदारी की उम्मीद है।

अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देते हुए, इस आयोजन में 32 देशों के 40 से अधिक विदेशी पर्यवेक्षक और 100 से अधिक राष्ट्रीय प्रतिनिधि भाग लेंगे, जिससे यह समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया के लिए एक वैश्विक रूप से प्रासंगिक मंच बन जाएगा।

भारत की परिचालन तैयारियों को प्रदर्शित करने के लिए, आईसीजी समुद्री प्रदूषण नियंत्रण के लिए तैयार किए गए जहाजों और विमानों सहित प्रदूषण प्रतिक्रिया परिसंपत्तियों की एक व्यापक श्रृंखला तैनात करेगा। यह अभ्यास आईसीजी की बहु-स्तरीय प्रतिक्रिया रणनीति को प्रदर्शित करेगा और राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय दोनों भागीदारों को शामिल करते हुए समन्वित समुद्री अभियानों के महत्व को सुदृढ़ करेगा।

एनएटीपीओएलआरईएक्स-एक्स 2025 समुद्री पर्यावरण संरक्षण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करेगा। यह अंतर-एजेंसी सहयोग को और मजबूत करेगा, सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने को बढ़ावा देगा और समुद्री पर्यावरण प्रबंधन, परिचालन तत्परता तथा तकनीकी एकीकरण में नए मानक स्थापित करेगा। यह अभ्यास सतत विकास और पारिस्थितिक उत्तरदायित्व के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप है।

Point of View

यह अभ्यास न केवल भारत की समुद्री सुरक्षा को मजबूती प्रदान करेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग और ज्ञान साझा करने का एक अनूठा अवसर भी है। यह सुनिश्चित करेगा कि हम सभी समुद्री प्रदूषण से निपटने के लिए तैयार हैं, और हमारे पास एक मजबूत आपातकालीन प्रतिक्रिया तंत्र है।
NationPress
04/10/2025

Frequently Asked Questions

इस अभ्यास में कितने देशों के विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं?
इस अभ्यास में 32 देशों के 40 से अधिक विदेशी पर्यवेक्षक भाग ले रहे हैं।
अभ्यास का उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य समुद्री तेल रिसाव आपदाओं से निपटने की तैयारियों का मूल्यांकन और संवर्धन करना है।
अभ्यास कब और कहाँ आयोजित किया जाएगा?
यह अभ्यास 5 से 6 अक्टूबर को तमिलनाडु के चेन्नई के तट पर आयोजित किया जाएगा।
इस अभ्यास की देखरेख कौन कर रहा है?
इसकी देखरेख भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक परमेश शिवमणि करेंगे।
इस अभ्यास का महत्व क्या है?
यह अभ्यास समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देगा और नई तकनीकी मानकों की स्थापना करेगा।