क्या श्रीहरिकोटा में इसरो का एलवीएम-3 एम-6 मिशन छात्रों में उत्साह का संचार कर रहा है?

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क्या श्रीहरिकोटा में इसरो का एलवीएम-3 एम-6 मिशन छात्रों में उत्साह का संचार कर रहा है?

सारांश

इसरो के एलवीएम-3 एम-6 मिशन ने श्रीहरिकोटा में छात्रों के बीच अद्भुत उत्साह का संचार किया। बड़ी संख्या में छात्र इस महत्वपूर्ण लॉन्चिंग के गवाह बने। जानिए इस मिशन की विशेषताएँ और छात्रों के अनुभव।

Key Takeaways

  • इसरो का नया मिशन छात्रों के लिए एक प्रेरणा है।
  • एलवीएम-3 एम-6 ने तकनीकी उपलब्धियों को दर्शाया।
  • मिशन ने अंतरिक्ष में भारत की क्षमताओं को बढ़ाया।
  • कम्युनिकेशन सैटेलाइट का महत्व बढ़ता जा रहा है।
  • छात्रों का उत्साह हमारे भविष्य का प्रतीक है।

श्रीहरिकोटा, 24 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के भारी लिफ्ट प्रक्षेपण यान एलवीएम3-एम6 की उड़ान ने छात्रों में अद्भुत उत्साहलॉन्चिंग का गवाह बनने के लिए यहाँ पहुंचे।

एक छात्रा ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "रॉकेट लॉन्च देखने के लिए मैं और 30 छात्र-छात्राएं साथ आए हैं। हमें बहुत उत्साह है। यह अनुभव हमें बहुत कुछ सिखाएगा कि यह सब कैसे काम करता है और रॉकेट वगैरह क्या होते हैं। इसरो का काम बहुत अच्छा है।"

एक छात्र ने कहा, "हम एलवीएम-3 रॉकेट का लॉन्च देखने के लिए यहाँ हैं। यह अमेरिका का रिकमेंडेड सैटेलाइट (ब्लूबर्ड 6 सैटेलाइट) है। मैं अपने स्कूल प्रशासन का आभारी हूँ कि उन्होंने हमें इस रोचक अनुभव का मौका दिया।"

इसरो का एलवीएम-3 एम-6 मिशन सतीश धवन स्पेस सेंटर से सुबह 8.54 बजे लॉन्च हुआ। इस मिशन ने अमेरिका-बेस्ड एएसटी स्पेस मोबाइल के साथ एक कमर्शियल डील के तहत ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट को ऑर्बिट में पहुँचाया।

यह मिशन अगली पीढ़ी के कम्युनिकेशन सैटेलाइट को ऑर्बिट में तैनात करेगा, जिसे स्मार्टफोन को सीधे हाई-स्पीड सेलुलर ब्रॉडबैंड देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 स्पेसक्राफ्ट एलवीएम-3 रॉकेट के इतिहास में लो अर्थ ऑर्बिट में लॉन्च किया जाने वाला सबसे भारी पेलोड है, जिसका वजन 6.5 टन है। यह सैटेलाइट 19 अक्टूबर को अमेरिका से भारत आया था।

यह अमेरिका और इसरो के बीच दूसरा कोलेबोरेशन है। जुलाई में, इसरो ने 1.5 बिलियन डॉलर का नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार मिशन (निसार) सफलतापूर्वक लॉन्च किया था, जिसका उद्देश्य कोहरे, घने बादलों और बर्फ की परतों को भेदने की क्षमता के साथ हाई-रिजॉल्यूशन अर्थ स्कैन लेना है।

एलवीएम-3 रॉकेट ने पहले भी चंद्रयान-2, चंद्रयान-3 और 72 सैटेलाइट वाले दो वनवेब मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है।

Point of View

बल्कि यह छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। हमें चाहिए कि हम इस दिशा में और अधिक प्रयास करें और विज्ञान के प्रति युवाओं के उत्साह को बढ़ावा दें।
NationPress
24/12/2025

Frequently Asked Questions

एलवीएम-3 एम-6 मिशन का उद्देश्य क्या है?
यह मिशन अगली पीढ़ी के कम्युनिकेशन सैटेलाइट को ऑर्बिट में तैनात करेगा, जो स्मार्टफोन को उच्च गति इंटरनेट सेवाएँ प्रदान करेगा।
इसरो के लिए यह मिशन क्यों महत्वपूर्ण है?
यह मिशन इसरो और अमेरिका के बीच सहयोग को दर्शाता है और अंतरिक्ष में भारतीय क्षमताओं को बढ़ाता है।
इस मिशन में कितने छात्र शामिल हुए?
लगभग 30 छात्र-छात्राएँ इस महत्वपूर्ण लॉन्चिंग का गवाह बनने के लिए उपस्थित थे।
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