क्या छत्तीसगढ़ में मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए ‘गजरथ यात्रा’ एक अनूठी पहल है?

Click to start listening
क्या छत्तीसगढ़ में मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए ‘गजरथ यात्रा’ एक अनूठी पहल है?

सारांश

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ‘गजरथ यात्रा’ का शुभारंभ किया, जो मानव-हाथी द्वंद को कम करने और वन्यजीव संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से है। यह पहल पर्यावरण संरक्षण के प्रति जिम्मेदारी को भी उजागर करती है।

Key Takeaways

  • गजरथ यात्रा का शुभारंभ मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए किया गया है।
  • सामुदायिक भागीदारी और जागरूकता आवश्यक हैं।
  • पेड़ और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए नागरिकों से अपील की गई है।

जशपुर, 21 जून (राष्ट्र प्रेस)। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जशपुर के रणजीता स्टेडियम परिसर में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में ‘गजरथ यात्रा’ को हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया। यह अभिनव पहल छत्तीसगढ़ में मानव-हाथी द्वंद को कम करने और वन्यजीव संरक्षण के लिए जनजागरूकता फैलाने के उद्देश्य से शुरू की गई है।

इस यात्रा के माध्यम से स्कूलों, ग्राम पंचायतों और हाट-बाजारों में पहुंचकर हाथियों के व्यवहार, सुरक्षा उपायों के महत्व को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा।

मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर कहा, “मानव और हाथियों के बीच बढ़ते टकराव को कम करने के लिए सामुदायिक भागीदारी और जागरूकता अत्यंत आवश्यक है। ‘गजरथ यात्रा’ इस दिशा में एक सार्थक कदम है, जो लोगों को शिक्षित कर मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।”

उन्होंने वन विभाग के उन कर्मचारियों को भी सम्मानित किया, जिन्होंने इस क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री साय ने स्टेडियम परिसर में सिंदूर का पौधा लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। उन्होंने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत नागरिकों से अपील की कि वे अधिक से अधिक पौधरोपण करें। पेड़ न केवल जीवनदायिनी ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, बल्कि जल संरक्षण, जैव विविधता और जलवायु संतुलन के लिए भी आवश्यक हैं।

मुख्यमंत्री साय ने वन विभाग की ओर से तैयार एक लघु फिल्म और पुस्तिका का विमोचन भी किया, जिसमें हाथियों से संबंधित सावधानियां, उनके व्यवहार को समझने और सुरक्षा उपायों की जानकारी दी गई है। यह स्कूली बच्चों, ग्रामीणों और स्थानीय समुदायों में वितरित की जाएगी।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।

'गजरथ यात्रा' राज्य सरकार की उस व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जो सतत विकास, जैव विविधता संरक्षण और स्थानीय समुदायों की सहभागिता के माध्यम से वन्यजीवों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने को समर्पित है।

कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री साय ने सभी प्रतिभागियों और वन विभाग की टीम को इस प्रयास के लिए शुभकामनाएं दी। यह पहल न केवल छत्तीसगढ़ में वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा देगी, बल्कि मानव और प्रकृति के बीच संतुलन स्थापित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

Point of View

NationPress
21/06/2025

Frequently Asked Questions

गजरथ यात्रा का उद्देश्य क्या है?
गजरथ यात्रा का उद्देश्य मानव-हाथी द्वंद को कम करना और वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना है।
इस यात्रा में किन स्थानों पर जागरूकता फैलाई जाएगी?
यह यात्रा स्कूलों, ग्राम पंचायतों और हाट-बाजारों में पहुंचकर जागरूकता फैलाएगी।
मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम में क्या संदेश दिया?
मुख्यमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण को हर नागरिक की जिम्मेदारी बताया।