क्या छत्तीसगढ़ में 13 बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी अवैध घुसपैठ को रोकने में मदद करेगी?

सारांश
Key Takeaways
- छत्तीसगढ़ में 13 बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी
- अवैध घुसपैठ के खिलाफ एसटीएफ की सक्रियता
- नक्सलियों के दावों पर विजय शर्मा का जवाब
- आईईडी ब्लास्ट की घटनाओं पर सुरक्षा रणनीति
- सामाजिक जागरूकता के लिए हेल्पलाइन नंबर
रायपुर, 15 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में 13 बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इन सभी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा रही है और उन्हें जल्द ही देश से डिपोर्ट (निर्वासन) करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस संदर्भ में छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ) लगातार सक्रिय है।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि अवैध घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए एसटीएफ का गठन किया गया है और एक हेल्पलाइन नंबर भी प्रदान किया गया है, ताकि नागरिक इस प्रकार की गतिविधियों की सूचना दे सकें। शर्मा ने कहा कि विभिन्न स्थानों पर छापेमारी के दौरान ऐसे घुसपैठियों की पहचान कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
मीडिया से बातचीत में विजय शर्मा ने नक्सलियों के दावों का भी जवाब दिया। नक्सलियों ने एक पत्र जारी कर यह दावा किया है कि पिछले एक साल में 300 से अधिक नक्सली मारे गए हैं।
इस पर विजय शर्मा ने कहा, "यह गंभीर विषय नहीं है, बल्कि उनके साथियों की गिरफ्तारी की संख्या कहीं अधिक है। मुद्दा केवल हताहतों का नहीं है, बल्कि यह है कि राज्य सरकार की रणनीति के अनुसार आत्मसमर्पण करने और गिरफ्तार होने वालों की संख्या लगभग 3000 तक पहुंच गई है।"
बीजापुर जिले में हुई आईईडी ब्लास्ट की घटना पर उपमुख्यमंत्री ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आईईडी अब हमारे सामने सबसे बड़ा चैलेंज बन चुका है। इसमें न सिर्फ ग्रामीण हताहत होते हैं बल्कि सुरक्षाबलों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने कहा, "आईईडी डिटेक्शन और निष्क्रिय करने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के प्रयास लगातार जारी हैं, ताकि इस खतरे को कम किया जा सके।"
पिछले दिनों नक्सलियों ने बीजापुर में आईईडी ब्लास्ट किया था, जिसमें कुछ ग्रामीण घायल हुए।