क्या चिदंबरम स्पष्ट करेंगे कि कौन-सा दबाव था, जिसने राष्ट्रहित को प्रभावित किया?

सारांश
Key Takeaways
- चिदंबरम के बयान ने राजनीतिक विवाद को जन्म दिया।
- भाजपा ने चिदंबरम के आरोपों का जवाब दिया।
- राष्ट्रहित पर चर्चा आवश्यक है।
- विद्यार्थियों को सभी विचारधाराओं पर चर्चा का अधिकार है।
- राहुल गांधी की विदेश यात्राएं चर्चा का विषय बनीं।
उदयपुर, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के हालिया खुलासे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कड़ा जवाब दिया है। वित्त आयोग के अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि चिदंबरम को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह कौन-सा दबाव था, जिसने राष्ट्रहित को प्रभावित किया।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस के साथ एक विशेष बातचीत में यह सवाल उठाया कि जब देश में लगातार बम धमाके हो रहे थे, तब सरकार पाकिस्तान को केवल डोजियर भेजने तक सीमित क्यों रही। तंज करते हुए कहा कि चिदंबरम को खुलकर बताना चाहिए कि वह कौन-सा दबाव था, जिसे अब तक छिपाया गया है।
पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा था कि 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के बाद यूपीए सरकार ने अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण पाकिस्तान पर सैन्य कार्रवाई न करने का निर्णय लिया था।
चतुर्वेदी ने राजस्थान के विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पद संचलन पर कांग्रेस द्वारा उठाए गए सवालों का उत्तर देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय ज्ञान का केंद्र है और यहां सभी विचारधाराओं, महापुरुषों और संगठनों पर चर्चा करने का अधिकार होना चाहिए। उन्होंने कहा, “हम सभी जानते हैं कि आरएसएस ने 100 वर्ष पूरे कर लिए हैं और आज भी राष्ट्र की सेवा में समर्पित है। विद्यार्थी महापुरुषों और राष्ट्र जागरण में योगदान देने वाले संगठनों के बारे में जानने का अधिकार रखते हैं।”
चतुर्वेदी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर विदेश यात्रा को लेकर तंज किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी केवल पॉलिटिकल वेकेशन पर विदेश जाते हैं। वे मनोरंजन के लिए देश में आते हैं। इस दौरान कभी पद यात्रा का आयोजन करते हैं और कभी वोट चोरी के नाम पर कार्यक्रम करते हैं। उनके लिए देश और देश की राजनीति कभी प्राथमिकता का विषय नहीं रहे, इसलिए देश के मतदाता और नागरिकों की चिंता भी उनके लिए मायने नहीं रखती।