क्या चीनी प्रतिनिधि ने यूएन सुरक्षा परिषद में अमेरिका के ईरान पर हमले की निंदा की?

सारांश
Key Takeaways
- अमेरिका का ईरान पर हमला न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि इससे मध्य-पूर्व में तनाव बढ़ा है।
- चीन अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए प्रयासरत है।
- वार्तालाप ही मुख्य उपाय है।
बीजिंग, २३ जून (राष्ट्र प्रेस)। संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थायी प्रतिनिधि फुत्सोंग ने सुरक्षा परिषद की आपात खुली बैठक में ईरान और अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा संस्था के अंतर्गत नाभिकीय संस्थापनों पर अमेरिका के हमले की तीव्र निंदा की।
फुत्सोंग ने कहा कि ईरान के तीन नाभिकीय संस्थानों पर अमेरिका का हमला यूएन चार्टर के सिद्धांतों, अंतर्राष्ट्रीय कानून और ईरान की प्रभुसत्ता, सुरक्षा और प्रादेशिक अखंडता का गंभीर उल्लंघन है। इसने मध्य-पूर्व में तनाव को बढ़ाने का काम किया है और अंतर्राष्ट्रीय नाभिकीय अप्रसार व्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को न्याय स्थापित करने और तनाव कम करके शांति और स्थिरता बहाल करने की दिशा में प्रयास करना चाहिए।
फुत्सोंग ने चिंता व्यक्त की कि स्थिति अनियंत्रित हो सकती है। उन्होंने कहा कि मुठभेड़ में शामिल सभी पक्षों, विशेषकर इजरायल को तुरंत युद्ध विराम करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बल प्रयोग से मध्य-पूर्व की शांति नहीं आएगी। वार्तालाप ही मुख्य मार्ग है। ईरानी नाभिकीय मुद्दे का राजनीतिक समाधान खोजने की दिशा में अडिग रहना चाहिए।
फुत्सोंग ने कहा कि चीन अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर न्याय के लिए प्रयासरत है ताकि मध्य-पूर्व में शांति और स्थिरता की स्थापना की जा सके।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)