क्या जापान के उप विदेश मंत्री के साथ चीनी राजदूत ने साने ताकाइची की टिप्पणियों का कड़ा विरोध किया?
सारांश
Key Takeaways
- चीनी राजदूत ने साने ताकाइची की टिप्पणियों का विरोध किया।
- थाईवान मुद्दा चीन के मूल हितों से जुड़ा है।
- जापान को अपने भड़काऊ बयान वापस लेने की सलाह दी गई है।
बीजिंग, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जापान में चीनी राजदूत वू जियांगहाओ ने 14 नवंबर को जापानी उप विदेश मंत्री केंजी फुनाकोशी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने जापानी प्रधानमंत्री साने ताकाइची द्वारा चीन के संबंध में की गई गलत टिप्पणियों और कार्यों पर कड़ा विरोध जताया।
वू जियांगहाओ ने कहा कि संसदीय बहस के दौरान साने ताकाइची ने थाईवान मुद्दे पर भड़काऊ टिप्पणी की, जो बुनियादी सामान्य ज्ञान का उल्लंघन करती है और चीन की लाल रेखा को पार करती है। उन्होंने अपनी गलती को स्वीकार करने से इनकार किया, जो इस स्थिति का पूरी तरह से गलत आकलन है।
ये टिप्पणियां चीन के आंतरिक मामलों में गंभीर हस्तक्षेप हैं और अंतर्राष्ट्रीय कानून तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के बुनियादी मानदंडों का उल्लंघन करती हैं। इससे चीन-जापान संबंधों की राजनीतिक नींव को गंभीर नुकसान पहुँचता है। चीन ने इस पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है और इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।
वू जियांगहाओ ने स्पष्ट किया कि थाईवान चीन का अभिन्न हिस्सा है। यह मुद्दा चीन के मूल हितों का केंद्र है। राष्ट्रीय एकीकरण का मार्ग और इस मुद्दे का समाधान चीन की जनता का अपना मामला है, जिसमें किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को सहन नहीं किया जाएगा। चीन का एकीकरण अवश्यंभावी है। जापान से आग्रह किया गया है कि वह अपने इतिहास पर विचार करे और अपने भड़काऊ टिप्पणियों को वापस ले।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)