क्या चीनी प्रधानमंत्री ने न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री से वार्ता की?

सारांश
Key Takeaways
- चीन और न्यूजीलैंड के बीच रणनीतिक संवाद को मजबूत किया जाएगा।
- दोनों पक्षों ने व्यापार के दायरे को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।
- जलवायु परिवर्तन और हरित विकास जैसे मुद्दों पर सहयोग बढ़ेगा।
- सांस्कृतिक आदान-प्रदान को और बढ़ावा दिया जाएगा।
- समझौतों पर हस्ताक्षर से द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे।
बीजिंग, 21 जून (राष्ट्र प्रेस)। चीनी प्रधानमंत्री ली छ्यांग ने पेइचिंग के जन वृहद भवन में चीन की यात्रा पर आए न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन के साथ बातचीत की।
ली छ्यांग ने कहा कि वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय उथल-पुथल के संदर्भ में दोनों देशों के लिए रणनीतिक संवाद को मजबूत करना और चीन-न्यूजीलैंड के बीच आपसी लाभ से युक्त सहयोग को बढ़ाना अत्यंत आवश्यक है। चीन पारंपरिक मित्रता को आगे बढ़ाने, राजनीतिक विश्वास को मजबूत करने, व्यावहारिक सहयोग का दायरा बढ़ाने और दोनों देशों के विकास को बेहतर तरीके से समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है।
ली छ्यांग ने बताया कि चीन और न्यूजीलैंड की अर्थव्यवस्थाएं एक-दूसरे को पूरक हैं। दोनों पक्षों को व्यापार के दायरे को बढ़ाने, मुक्त व्यापार समझौते में टैरिफ कटौती पर ध्यान देने, सेवा व्यापार की नकारात्मक सूची पर बातचीत को तेज करने और व्यापार व निवेश की सुविधा में सुधार लाने की आवश्यकता है। इसके अलावा, हमें नए ऊर्जा वाहन, हरित और निम्न-कार्बन उद्योग, डिजिटल प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना चाहिए और क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण को सशक्त बनाने के लिए क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते को प्रभावी और उच्च गुणवत्ता से लागू करना चाहिए।
लक्सन ने कहा कि न्यूजीलैंड-चीन संबंधों का एक लंबा इतिहास है और यह तेजी से परिपक्व हो रहे हैं, जो हमेशा आपसी सम्मान और लाभ पर आधारित हैं। वर्तमान में, द्विपक्षीय संबंधों का अच्छा विकास हो रहा है, आर्थिक और व्यापार सहयोग में सक्रियता बनी हुई है और सांस्कृतिक आदान-प्रदान तेजी से बढ़ रहा है। न्यूजीलैंड एक-चीन नीति का पालन करता है और चीन के साथ उच्च स्तर के आदान-प्रदान को बनाए रखने, आपसी समझ और विश्वास को गहरा करने के लिए तैयार है। वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में बदलाव के चलते संवाद और सहयोग को मजबूत करना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। न्यूजीलैंड जलवायु परिवर्तन और हरित विकास के मुद्दों पर चीन के साथ समन्वय बढ़ाने के लिए तैयार है।
बातचीत के बाद, दोनों प्रधानमंत्रियों ने सीमा शुल्क, खाद्य सुरक्षा, जैविक उत्पाद प्रमाणन, जलवायु परिवर्तन, और सांस्कृतिक विरासत जैसे कई सहयोग दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)