क्या तेजस्वी के आरक्षण बयान पर चिराग पासवान का कहना है कि लोगों को डराकर वोट हासिल करना गलत है?
सारांश
Key Takeaways
- चिराग पासवान ने तेजस्वी यादव के बयानों की निंदा की।
- लोगों को डराकर वोट हासिल करना गलत समझा गया।
- विपक्षी दलों की रणनीति पर सवाल उठाए गए।
- एसआईआर का मुद्दा राजनीतिक विवाद का हिस्सा बना।
- लोकतंत्र में सच्चाई और तथ्यों पर ध्यान देना आवश्यक है।
पटना, 9 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान के लिए रविवार को चुनाव प्रचार का शोर समाप्त हो जाएगा। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने राजद नेता तेजस्वी यादव के हालिया बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि लोगों को डराकर वोट प्राप्त करने की रणनीति और सोच गलत है।
पटना में मीडिया से बातचीत के दौरान चिराग पासवान ने तेजस्वी यादव को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि हर चुनाव में विपक्षी दलों के नेता मुद्दों से भटक जाते हैं और बेवजह के मुद्दों पर लोगों को गुमराह कर वोट हासिल करना चाहते हैं। यह विपक्षी दलों की यह सोच ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष चुनाव से पहले एसआईआर जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, और दावा किया जा रहा है कि एसआईआर के माध्यम से लोगों के वोट काटे जा रहे हैं। क्या आपको कोई ऐसा मतदाता मिला जिसने कहा कि उसका वोट काट लिया गया? ये लोग ईवीएम को दोष देते रहे, जब कोई नया बहाना नहीं मिला तो एसआईआर को नया मुद्दा बनाया।
चिराग पासवान ने कहा कि एसआईआर का न तो सरकार से और न ही हमारे राज्य के लोगों से कोई लेना-देना है। हर चुनाव में विपक्ष ने हमेशा भ्रम फैलाने की कोशिश की है। यह विपक्ष की रणनीति का हिस्सा बन गया है, जब भी चुनाव आते हैं, वे एक झूठी कहानी बनाते हैं, गलत सूचना फैलाते हैं और डर पैदा करने की कोशिश करते हैं। लोकसभा चुनाव में भी देखा गया था कि विपक्ष ने भ्रम फैलाया कि एनडीए की सरकार फिर से आई तो देश में आरक्षण और संविधान खत्म कर दिया जाएगा। पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल को सवा साल से ज्यादा हो गया है। मैं विपक्षी दलों के नेता से पूछता हूं कि क्या संविधान खत्म हो गया और लोकतंत्र खत्म हो गया।
एसआईआर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अगर विपक्षी दलों को लगता है कि एसआईआर उनके लिए मुद्दा है तो एक बार भी अधिकृत आपत्ति क्यों नहीं दर्ज करवाई? अगर आपको चुनाव आयोग पर भरोसा नहीं है तो सुप्रीम कोर्ट जाइए, दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। लोगों को डराकर वोट हासिल करने की सोच गलत है।