क्या सीजेआई ने भगवान विष्णु मामले में दी सफाई? कपिल सिब्बल ने सोशल मीडिया को बेलगाम घोड़ा बताया

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क्या सीजेआई ने भगवान विष्णु मामले में दी सफाई? कपिल सिब्बल ने सोशल मीडिया को बेलगाम घोड़ा बताया

सारांश

खजुराहो में भगवान विष्णु की मूर्ति मामले में सीजेआई बीआर गवई ने अपने कमेंट पर सफाई दी। उन्होंने हर धर्म के प्रति सम्मान की बात की। इस विवाद में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सोशल मीडिया को बेलगाम घोड़ा बताया है। जानिए इस मामले में क्या कहा गया है।

Key Takeaways

  • सीजेआई ने सभी धर्मों का सम्मान करने की बात की।
  • सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का संतुलन आवश्यक है।
  • कपिल सिब्बल ने सोशल मीडिया को बेलगाम घोड़ा कहा।
  • सोशल मीडिया की प्रतिक्रियाएं अनुचित हो सकती हैं।
  • सीजेआई का बयान महत्वपूर्ण है, जो सोशल मीडिया की भूमिका को दर्शाता है।

नई दिल्ली, 18 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। खजुराहो में भगवान विष्णु की मूर्ति के मामले में दिए गए कमेंट के बाद सोशल मीडिया पर विवाद उत्पन्न हो गया है। इस आलोचना के बीच, भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह हर धर्म का सम्मान करते हैं। वहीं, वकीलों ने सीजेआई का समर्थन किया है।

यह मामला तब चर्चा में आया जब सीजेआई की उस टिप्पणी को लेकर सोशल मीडिया पर तीव्र आलोचना होने लगी, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी सोच में किसी भी धर्म के प्रति कोई अवमानना नहीं है। वह हर धर्म का सम्मान करते हैं। गुरुवार को सीजेआई बीआर गवई, जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ कर्नाटक में अवैध लौह अयस्क खनन के मुद्दे पर सुनवाई कर रही थी। इसी दौरान उन्होंने अपनी बात रखी।

केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिवक्ता और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी सीजेआई का समर्थन करते हुए कहा कि वे पिछले दस वर्षों से मुख्य न्यायाधीश को जानते हैं और उनकी निष्ठा और संवेदनशीलता को मानते हैं। हालांकि, उन्होंने इस मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि न्यूटन के नियम के अनुसार हर क्रिया की एक प्रतिक्रिया होती है, लेकिन अब सोशल मीडिया पर जो प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, वे अनुचित और अतिशयोक्ति से भरी हुई हैं।

तुषार मेहता ने यह भी बताया कि मुख्य न्यायाधीश सभी धार्मिक स्थलों पर जाते हैं और उन्होंने सोशल मीडिया पर हो रही प्रतिक्रियाओं को अनुचित करार दिया।

इस विवाद के बीच वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने अपनी बात रखते हुए कहा कि अब सोशल मीडिया एक बेलगाम घोड़ा बन चुका है, जिसका खामियाजा हम सभी रोजाना झेलते हैं। सोशल मीडिया पर बिना सोचे-समझे की गई टिप्पणियां और अभद्रता समाज में बिखराव को बढ़ावा दे रही हैं।

सीजेआई ने भी इस पर अपनी बात रखते हुए कहा कि हाल ही में नेपाल में जो घटनाएं हुईं, उनके पीछे भी सोशल मीडिया की भूमिका है। मुख्य न्यायाधीश का यह बयान सोशल मीडिया की बढ़ती भूमिका और उसके नकारात्मक प्रभाव पर एक महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है।

वास्तव में, सीजेआई के नेतृत्व वाली एक पीठ ने खजुराहो मंदिर परिसर के एक हिस्से जवारी मंदिर में भगवान विष्णु की सात फुट ऊंची मूर्ति के पुनर्निर्माण और पुनः स्थापना की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था। सुनवाई के दौरान उनकी टिप्पणी पर सोशल मीडिया पर विरोध शुरू हो गया था।

Point of View

NationPress
18/09/2025

Frequently Asked Questions

खजुराहो में भगवान विष्णु की मूर्ति को लेकर सीजेआई का क्या कहना है?
सीजेआई ने कहा है कि उनकी सोच में किसी भी धर्म के प्रति अवमानना नहीं है और वे हर धर्म का सम्मान करते हैं।
कपिल सिब्बल ने सोशल मीडिया के बारे में क्या कहा?
कपिल सिब्बल ने सोशल मीडिया को एक बेलगाम घोड़ा बताया है, जो समाज में बिखराव बढ़ा रहा है।
सीजेआई ने सोशल मीडिया की भूमिका पर क्या टिप्पणी की?
सीजेआई ने कहा कि हालिया घटनाओं में सोशल मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण रही है।
क्या यह मामला न्यायिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है?
यह मामला धार्मिक सम्मान और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बीच संतुलन का है।
सीजेआई का समर्थन किसने किया?
केंद्र सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सीजेआई का समर्थन किया।