क्या सीएम रेखा गुप्ता और भगवंत मान ने बंदी छोड़ दिवस पर शुभकामनाएं दी?

सारांश
Key Takeaways
- बंदी छोड़ दिवस का महत्व सिख धर्म में अत्यधिक है।
- गुरु हरगोबिंद साहिब जी ने 52 राजाओं को मुक्त किया।
- यह दिन हमें मानवता की सेवा के प्रति प्रेरित करता है।
- सभी प्रकार के बंधनों से मुक्ति का संदेश देता है।
- एकता और भाईचारे का प्रतीक है।
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता एवं पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को बंदी छोड़ दिवस की शुभकामनाएं दी।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि बंदी छोड़ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। यह पावन दिवस सिखों के छठे गुरु, श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी की अदम्य वीरता, उदारता और त्याग का स्मरण कराता है। यह वह क्षण है जब उन्होंने केवल अपने लिए नहीं, बल्कि दूसरों की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया और 52 राजाओं को मुक्त कर मानवता को करुणा और न्याय का अमर संदेश दिया। गुरु हरगोबिंद साहिब जी के उपदेश हमें सदैव अन्याय के विरुद्ध खड़े रहने और मानवता की सेवा में निरंतर तत्पर रहने की प्रेरणा देते हैं। वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक्स पोस्ट में लिखा कि बंदी छोड़ दिवस पर सभी श्रद्धालुओं को कोटि-कोटि शुभकामनाएं। छठे गुरु, श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी की ग्वालियर किले से रिहाई और सचखंड श्री हरमंदिर साहिब में उनके आगमन के उपलक्ष्य में मनाया जाने वाला यह दिन हमें मानवता के हित में आवाज़ उठाने की प्रेरणा देता है।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने एक्स पोस्ट में लिखा कि आज का दिन एकता और त्याग की मिसाल है, जब सिखों के छठवें गुरु श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी ने अपनी रिहाई से पहले 52 हिन्दू राजाओं की स्वतंत्रता को प्राथमिकता दी। यही भारत की अखंडता और भाईचारे का सच्चा प्रतीक है। सभी भारतवासियों को बंदी छोड़ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं एवं श्री गुरु साहिब को कोटि-कोटि प्रणाम।
शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने एक्स पोस्ट में लिखा कि बंदी छोड़ दिवस पर सभी संगत को कोटि-कोटि बधाई। बंदी छोड़ दिवस का सिख जगत में विशेष महत्व है, इस दिन छठे गुरु, श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी, 52 बंदी राजाओं के साथ ग्वालियर किले से रिहा होकर श्री अमृतसर साहिब आए थे। बंदी छोड़ दिवस हम सभी को सभी प्रकार के बंधनों से मुक्ति का संदेश देता है। आज आवश्यकता है कि हम सभी सभी प्रकार की गुलामी के बंधनों को उतार फेंकें और गुरुओं द्वारा दिखाए गए मार्ग के अनुयायी बनें।