क्या पीएम मोदी के नेतृत्व में नारीशक्ति, राष्ट्रशक्ति बन रही है? : सीएम रेखा गुप्ता

सारांश
Key Takeaways
- महिलाओं को बुनियादी सुविधाओं का लाभ मिला है।
- पीएम मोदी के नेतृत्व में नारीशक्ति को बढ़ावा दिया जा रहा है।
- आपातकाल ने देश के इतिहास में एक काला अध्याय लिखा।
- महिलाओं को संसद में 33% आरक्षण दिया गया है।
- सीएम ने महिलाओं से जिम्मेदारी लेने की अपील की है।
नई दिल्ली, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शनिवार को आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर दिल्ली प्रदेश महिला मोर्चा द्वारा महाराष्ट्र सदन में आयोजित मॉक पार्लियामेंट में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महिला कल्याण के क्षेत्र में हो रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वे राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।
रेखा गुप्ता ने पीएम मोदी की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा, "PM मोदी के नेतृत्व में नारीशक्ति, राष्ट्रशक्ति बन रही है। महिलाओं को आवास, शौचालय, गैस कनेक्शन और स्वच्छ जल जैसी बुनियादी सुविधाएं मिल रही हैं। मुस्लिम बहनों को तीन तलाक से मुक्ति और महिलाओं को संसद व विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण के माध्यम से लोकतंत्र में बराबरी की भागीदारी मिली है। अब समय है कि हम महिलाएं न केवल जागरूक बनें, बल्कि अपनी ज़िम्मेदारी भी निभाएं और राष्ट्र निर्माण में अग्रणी भूमिका में रहें।"
सीएम ने आपातकाल पर कहा कि वह एक ऐसा समय था जब कोई भी आवाज नहीं उठा सकता था। 21 महीनों तक यातनाएं दी गईं। जो भी आवाज उठाता, उसे कुचल दिया जाता। देश ने ऐसा काला अध्याय पहले कभी नहीं देखा। पूर्व पीएम ने सत्ता में बने रहने के लिए लोगों को जेल में डाल दिया। मीडिया की स्वतंत्रता पर पाबंदी और शासन-प्रशासन को चुप रहने के लिए मजबूर किया गया। युवाओं की जबरन नसबंदी कराई गई।
रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा, “आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर दिल्ली प्रदेश महिला मोर्चा द्वारा महाराष्ट्र सदन में आयोजित मॉक पार्लियामेंट में लोकतंत्र की हत्या के उस काले अध्याय पर अपने विचार साझा किए। 1975 में केवल एक परिवार की सत्ता बचाने के लिए कांग्रेस सरकार ने पूरे देश को एक खुली जेल में तब्दील कर दिया था। हजारों देशभक्तों को बिना किसी मुकदमे के जेल में डाल दिया गया। आज जो लोग संविधान की दुहाई देते हैं, उन्हें याद रखना चाहिए कि भारत की आत्मा को सबसे गहरा आघात कांग्रेस की तानाशाही ने पहुंचाया था। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, न्याय और संविधान के मूल्यों का गला घोंटकर संविधान की हत्या कर दी थी।