क्या नक्सलवाद की समस्या का समाधान संवाद और विश्वास से संभव है?: सीएम साय
सारांश
Key Takeaways
- नक्सलियों से संवाद का महत्व
- मुख्यमंत्रियों की संयुक्त अपील
- विकास की मुख्य धारा में शामिल होना
- राज्य की सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन
- निवेश को आकर्षित करने के प्रयास
रायपुर, २४ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। नक्सलियों द्वारा तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र भेजने की खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि इसमें कोई नई बात नहीं है। राज्य में नई सरकार के गठन के बाद से नक्सलियों से लगातार अपील की जा रही है कि वे हिंसा के रास्ते को छोड़कर मुख्यधारा में लौटें और विकास की दिशा में आगे बढ़ें।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया, "हमने हमेशा कहा है कि सरकार उनके लिए न्याय सुनिश्चित करेगी, जो भी रास्ता शांति और विकास का होगा, सरकार उसे पूरा समर्थन देगी।"
उन्होंने आगे कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि वर्षों से हिंसा के कारण पिछड़े क्षेत्रों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ा जाए और वहां के युवाओं के भविष्य को बेहतर बनाया जाए। नक्सलवाद की समस्या का समाधान केवल हथियारों से नहीं, बल्कि संवाद और विश्वास के माध्यम से संभव है।
मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि नक्सली संगठनों के लोग इस अपील को समझेंगे और हथियार छोड़कर समाज और राष्ट्र के हित में आगे आएंगे।
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दिल्ली दौरे के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि यह उनका एक दिवसीय कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि हर वर्ष १४ नवंबर से २७ नवंबर तक दिल्ली में 'इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर' का आयोजन किया जाता है, जिसमें देश के सभी राज्य हिस्सा लेते हैं।
उन्होंने बताया कि आज वहां 'छत्तीसगढ़ राज्य दिवस' मनाया जा रहा है। सीएम ने कहा कि मेले में छत्तीसगढ़ का एक भव्य पैविलियन बनाया गया है, जिसमें राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक झलक प्रस्तुत की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि कई महत्वपूर्ण प्रदर्शनी स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें कोसा सिल्क, टेराकोटा (मिट्टी के शिल्प) और धातु कला (मेटल क्राफ्ट) जैसी पारंपरिक कलाओं के आकर्षक उत्पाद प्रदर्शित किए जा रहे हैं। इससे न केवल राज्य के कलाकारों को पहचान मिलेगी, बल्कि उनके उत्पादों को बाजार भी मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि इस आयोजन के तहत मंगलवार को 'इन्वेस्टर कनेक्ट' कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें देश-विदेश से आए निवेशकों के साथ चर्चा होगी।
उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ में निवेश बढ़ाना, उद्योगों को प्रोत्साहन देना और रोजगार के नए अवसरों का सृजन करना है। यह आयोजन छत्तीसगढ़ की औद्योगिक और सांस्कृतिक पहचान को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा।