क्या हमें एकजुट होकर छात्रों को स्कूल भेजने का प्रयास करना चाहिए?: सीएम योगी

सारांश
Key Takeaways
- छात्रवृत्ति का वितरण अब सितंबर में होता है।
- सरकार की छात्रवृत्ति योजना में वृद्धि।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से वेरिफिकेशन।
- हर छात्र को स्कूल भेजने का संकल्प।
- समाज कल्याण विभाग द्वारा कई कार्य।
लखनऊ, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लगभग चार लाख छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पहले छात्रवृत्ति में भेदभाव होता था। यह मार्च-अप्रैल में मिलती थी, लेकिन अब यह सितंबर में ही उपलब्ध होगी। इसमें अब भेदभाव समाप्त हो गया है।
मुख्यमंत्री योगी ने आगे कहा कि आज छात्रवृत्ति सीधे छात्रों के बैंक खातों में जाती है, जबकि पहले हजारों बच्चे इससे वंचित रह जाते थे। यह वर्ष शताब्दी संकल्प वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। हम 2047 के संकल्प अभियान की दिशा में अग्रसर हैं। 'विकसित भारत' के लिए 'विकसित उत्तर प्रदेश' की नींव अभी से रखनी होगी। सरकार लगातार छात्रवृत्ति योजना में वृद्धि कर रही है। तकनीकी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से वेरिफिकेशन और डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरण हो रहा है। सरकार पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। अल्पसंख्यक छात्रों को भी उच्चतम सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
उन्होंने आगे कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का कहना था कि जब तक हम अच्छी शिक्षा नहीं लेंगे, तब तक कोई सरकार कल्याण नहीं कर सकती। हमें सरकार पर निर्भर न रहकर, उसकी सुविधाओं का उपयोग करते हुए आगे बढ़ना होगा।
सीएम योगी ने कहा कि वे सभी महापुरुष, जिन्होंने अपनी प्रतिभा से समाज को दिशा दी, वे किसी के मोहताज नहीं थे। उन्होंने अपनी प्रतिभा से समाज को मार्गदर्शन किया।
उन्होंने कहा कि इन विभाजनकारी ताकतों ने देश को गुलाम बनाया था। अब नए भारत के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जो कार्य चल रहा है, उस आत्मनिर्भर विकसित भारत के लिए जो अभियान चल रहा है, उसके लिए ये फिर से बाधक बन रही हैं। समाज को बांटने का प्रयास कर रही हैं। हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम बंटें नहीं। हमें एकजुट होकर बेहतर शिक्षा के लिए हर छात्र को स्कूल पहुंचाना है। हर वंचित को स्कूली शिक्षा से जोड़ना है। आज सरकार हर कार्य कर रही है। समाज कल्याण विभाग से भी कई कार्य हो रहे हैं।
सीएम योगी ने कहा कि 2017 से पहले छात्रों को छात्रवृत्ति देने में भेदभाव किया जाता था। 2017 में जब हमारी सरकार आई तो हमने 2016-17 और 17-18 की छात्रवृत्ति एक साथ दी।