क्या उत्तर प्रदेश में नया सोसाइटी पंजीकरण एक्ट लागू होने जा रहा है?

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क्या उत्तर प्रदेश में नया सोसाइटी पंजीकरण एक्ट लागू होने जा रहा है?

सारांश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम को बदलने का प्रस्ताव रखा है। नए कानून का उद्देश्य पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना है। यह कानून पंजीकृत संस्थाओं के संचालन और प्रबंधन में सुधार लाएगा।

Key Takeaways

  • नया सोसाइटी पंजीकरण कानून उत्तर प्रदेश में लागू होगा।
  • यह कानून पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देगा।
  • संस्थाओं के संचालन में सुधार लाने के लिए ठोस प्रावधान होंगे।
  • ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया को लागू किया जाएगा।
  • निष्क्रिय संस्थाओं के लिए ठोस प्रावधान होंगे।

लखनऊ, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के स्थान पर एक नया कानून लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने कहा है कि सोसाइटी के रूप में पंजीकृत संस्थाओं के पंजीकरण, नवीनीकरण और उनकी संपत्तियों के पारदर्शी प्रबंधन को सुदृढ़ करने के लिए युगानुकूल और व्यावहारिक प्रावधानों की आवश्यकता है।

सीएम योगी ने कहा कि वर्तमान अधिनियम में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने, निष्क्रिय या संदिग्ध संस्थाओं के निरस्तीकरण या विघटन, और संपत्ति के सुरक्षित प्रबंधन के लिए स्पष्ट प्रावधानों का अभाव है। इसके अलावा, वित्तीय अनुशासन के लिए ऑडिट, निधियों के दुरुपयोग पर नियंत्रण, और संपत्ति प्रबंधन से संबंधित नियम भी पर्याप्त नहीं हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि व्यावहारिकता को ध्यान में रखते हुए एक नया सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम लागू किया जाए।

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की उपस्थिति में सोमवार को हुई बैठक में प्रस्तावित अधिनियम पर चर्चा करते हुए सीएम योगी ने कहा कि इसमें ऐसे प्रावधान होने चाहिए जो पारदर्शिता, जवाबदेही और सदस्य हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। ट्रस्ट या सोसाइटी, कुछ लोगों की कुत्सित मानसिकता के चलते संस्थाओं की संपत्तियों की मनमानी बिक्री को रोकने के लिए ठोस व्यवस्था की जानी चाहिए। विवाद की स्थिति में प्रशासक नियुक्त करने को अनुपयुक्त बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में भी संस्था का संचालन प्रबंध समिति को ही तय करना चाहिए। सरकार या स्थानीय प्रशासन की ओर से संस्थाओं के आंतरिक कामकाज में न्यूनतम हस्तक्षेप होना चाहिए।

सीएम योगी ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में लगभग आठ लाख से अधिक संस्थाएं पंजीकृत हैं, जिनकी गतिविधियां शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक समरसता, ग्रामीण विकास, उद्योग, खेल आदि क्षेत्रों से जुड़ी हुई हैं। इसलिए उनके संचालन, सदस्यता, चुनाव और वित्तीय अनुशासन से जुड़ी व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित करना आवश्यक है। निष्क्रिय या संदिग्ध संस्थाओं के विघटन, निरस्तीकरण और संपत्ति के सुरक्षित प्रबंधन के लिए अधिनियम में ठोस प्रावधान होना चाहिए। साथ ही, सदस्यता विवाद, प्रबंधन समिति में मतभेद, वित्तीय अनियमितताओं और चुनाव संबंधी विवादों के त्वरित और समयबद्ध निस्तारण की व्यवस्था की जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पंजीकरण और नवीनीकरण की प्रक्रिया ऑनलाइन, केवाईसी आधारित और समयबद्ध होनी चाहिए। वित्तीय लेन-देन की जवाबदेही और लेखा-परीक्षा की प्रक्रिया को और सुदृढ़ करने की आवश्यकता है।

नए कानून को शीघ्र तैयार करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी आवश्यक प्रावधान इस प्रकार तैयार किए जाएं, जिससे प्रदेश की पंजीकृत संस्थाएं समाजोपयोगी कार्यों को और प्रभावी ढंग से संपादित कर सकें और पारदर्शिता तथा सुशासन की भावना को आगे बढ़ा सकें।

Point of View

बल्कि यह पारदर्शिता और जवाबदेही को भी सुनिश्चित करेगा। इस प्रकार की पहल से समाज में संस्थाओं पर विश्वास बढ़ेगा और वे अधिक प्रभावी ढंग से काम करेंगी।
NationPress
01/09/2025

Frequently Asked Questions

नया सोसाइटी पंजीकरण एक्ट कब लागू होगा?
मुख्यमंत्री ने इसे शीघ्र लागू करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन सटीक तारीख अभी तय नहीं हुई है।
यह कानून किस प्रकार की संस्थाओं पर लागू होगा?
यह कानून सभी प्रकार की पंजीकृत संस्थाओं जैसे कि ट्रस्ट और सोसाइटी पर लागू होगा।
इस नए कानून से क्या लाभ होगा?
यह कानून पारदर्शिता, जवाबदेही और वित्तीय अनुशासन को बढ़ावा देगा, जिससे संस्थाओं का संचालन बेहतर होगा।
क्या पंजीकरण और नवीनीकरण की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी?
हाँ, पंजीकरण और नवीनीकरण की प्रक्रिया ऑनलाइन और केवाईसी आधारित होगी।
निष्क्रिय संस्थाओं का क्या होगा?
नए कानून में निष्क्रिय या संदिग्ध संस्थाओं के विघटन और निरस्तीकरण के लिए ठोस प्रावधान होंगे।