क्या सीएम योगी का निर्णय चावल मिलों को नॉन हाइब्रिड धान कुटाई में 1 प्रतिशत रिकवरी छूट देगा?
                                सारांश
Key Takeaways
- 1 प्रतिशत रिकवरी छूट नॉन हाइब्रिड धान पर दी जाएगी।
 - कृषि क्षेत्र को मजबूती मिलेगी।
 - रोजगार और निवेश में वृद्धि की संभावना।
 - 167 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति का प्रावधान।
 - यह निर्णय प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
 
लखनऊ, 4 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश सरकार ने धान कुटाई से संबंधित एक महत्वपूर्ण निर्णय किया है, जिससे राज्य के किसानों और राइस मिल संचालकों को बड़ी राहत मिलेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लिए गए इस फैसले के अनुसार, नॉन हाइब्रिड धान की कुटाई पर राइस मिलों को 1 प्रतिशत रिकवरी छूट मिलेगी। यह कदम न केवल कृषि क्षेत्र को मजबूती प्रदान करेगा, बल्कि रोजगार और निवेश में भी वृद्धि की संभावना को बढ़ाएगा।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस निर्णय से प्रदेश के लगभग 13 से 15 लाख किसानों और 2000 से अधिक राइस मिल संचालकों को सीधा लाभ होगा। इसके अलावा, योगी सरकार इस राहत पैकेज के अंतर्गत 167 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति भी करेगी, जिससे राइस मिल उद्योग को उत्पादन लागत में राहत मिलेगी और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
सरकार का मानना है कि 1 प्रतिशत रिकवरी छूट से सरकारी स्तर पर धान खरीद और चावल प्रसंस्करण की प्रक्रिया और तेज होगी। इससे पीडीएस हेतु चावल की उपलब्धता प्रदेश के भीतर ही सुनिश्चित की जा सकेगी और अन्य राज्यों से चावल की रैक मंगाने की आवश्यकता कम होगी। यह निर्णय राष्ट्रीय स्तर पर भी बचत सुनिश्चित करेगा।
गौरतलब है कि सरकार पहले से ही हाइब्रिड धान की कुटाई पर 3 प्रतिशत रिकवरी छूट दे रही है, जिसके लिए वह प्रतिवर्ष लगभग 100 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति करती है।
सरकारी अनुमान के अनुसार, इस नीति से प्रदेश में लगभग 2 लाख अतिरिक्त रोजगार अवसर सुदृढ़ होंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम कृषि आधारित उद्योगों को गति देगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगा। कुल मिलाकर, योगी सरकार का यह निर्णय किसानों के हितों की रक्षा के साथ-साथ प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।