क्या कोलंबो फोर्ट कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति विक्रमसिंघे को रिमांड पर भेजा?

सारांश
Key Takeaways
- कोलंबो फोर्ट मजिस्ट्रेट कोर्ट ने विक्रमसिंघे को रिमांड पर भेजा।
- सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोप में गिरफ्तारी।
- श्रीलंका के इतिहास में पहली बार पूर्व राष्ट्रपति की गिरफ्तारी।
- विक्रमसिंघे ने आरोपों का खंडन किया।
- जेल के अस्पताल में भर्ती कराया गया।
कोलंबो, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। कोलंबो फोर्ट मजिस्ट्रेट कोर्ट ने पूर्व श्रीलंकाई राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को 26 अगस्त तक के लिए रिमांड पर भेज दिया है। विक्रमसिंघे को सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोप में आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने गिरफ्तार किया था। स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी।
अदालत ने शुक्रवार रात यह फैसला तब लिया जब देश के अटॉर्नी जनरल विभाग के एक प्रतिनिधि ने सीआईडी की ओर से अदालत को बताया कि विक्रमसिंघे के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति अधिनियम के तहत सबूत पेश किए जाएंगे और अदालत से अनुरोध किया कि जांच पूरी न होने के कारण संदिग्ध को रिमांड पर लिया जाए।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने स्थानीय मीडिया के हवाले से बताया कि फैसले के बाद विक्रमसिंघे को जेल के अस्पताल में भर्ती कराया गया।
स्थानीय मीडिया के अनुसार, सितंबर 2023 में राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन पर एक ब्रिटिश विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सरकारी धन का दुरुपयोग करने का आरोप लगा। शुक्रवार को गिरफ्तार किए जाने के बाद विक्रमसिंघे को अदालत में पेश किया गया।
श्रीलंका के इतिहास में यह पहली बार है जब किसी पूर्व कार्यकारी राष्ट्रपति को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया गया है।
गोटबाया राजपक्षे के राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद जुलाई 2022 में सांसदों द्वारा विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति चुना गया था। सितंबर 2024 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में वह हार गए।
जांच के सिलसिले में, सीआईडी ने पहले पूर्व राष्ट्रपति के निजी सचिव और उनके राष्ट्रपति सचिव के बयान दर्ज किए थे।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, विक्रमसिंघे शुक्रवार सुबह बयान देने के लिए सीआईडी पहुंचे और बयान दर्ज करने के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने इन आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि उनकी पत्नी ने अपने खर्चे खुद उठाए थे और किसी भी सार्वजनिक धन का दुरुपयोग नहीं हुआ।