क्या वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में कंपनियों की आय 14 प्रतिशत बढ़ी?

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क्या वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में कंपनियों की आय 14 प्रतिशत बढ़ी?

सारांश

भारत की कंपनियों की आय में वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह वृद्धि मुख्य रूप से ऑयलएवंगैस, टेक्नोलॉजी और मेटल्स जैसे क्षेत्रों में देखी गई है। जानें इस रिपोर्ट के पीछे के प्रमुख तथ्यों के बारे में।

Key Takeaways

  • वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में आय में 14 प्रतिशत की वृद्धि।
  • मिडकैप स्टॉक्स ने लार्जकैप को पीछे छोड़ा।
  • टेक्नोलॉजी और ऑयलएवंगैस का प्रदर्शन बेहतरीन।
  • स्मॉलकैप में कमजोरी बनी हुई है।
  • भारतीय इक्विटी बाजार आकर्षक वैल्यूएशन पर है।

नई दिल्ली, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में भारतीय कंपनियों की आय में सालाना आधार पर 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस दौरान ऑयलएवंगैस, टेक्नोलॉजी, सीमेंट, कैपिटल गुड्स और मेटल्स जैसे क्षेत्रों का प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ रहा है।

ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (एमओएफएसएल) द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, मिडकैप स्टॉक्स में 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि लार्जकैप में 13 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है। इसके विपरीत, स्मॉलकैप का प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर रहा है, खासकर निजी बैंकों, एनबीएफसी, रिटेल और मीडिया सेक्टर के दबाव के कारण।

एमओएफएसएल के 151 कंपनियों के यूनिवर्स (ग्लोबल कमोडिटी मूवर्स को छोड़कर) ने 6 प्रतिशत की आय वृद्धि दर्ज की है, जो कि 2 प्रतिशत के अनुमान से काफी अधिक है। यदि इसमें फाइनेंशियल कंपनियों को हटा दिया जाए तो आय की वृद्धि 25 प्रतिशत की दर से हुई है।

रिपोर्ट के अनुसार, दूसरी तिमाही के नतीजे घोषित कर चुकीं निफ्टी की 27 कंपनियों की आय सालाना आधार पर 5 प्रतिशत की दर से बढ़ी है।

मिडकैप का प्रदर्शन लगातार तीसरी तिमाही में मज़बूत बना हुआ है, जहाँ टेक्नोलॉजी, मेटल, पीएसयू बैंक, रियल एस्टेट और कर्ज न देने वाली एनबीएफसी कंपनियों की आय में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है।

ब्रोकरेज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पिछले एक साल में भारतीय शेयर बाजार का प्रदर्शन उतार-चढ़ाव भरा रहा है, लेकिन इस बार मजबूत वृद्धि देखने को मिली है। बाजार पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर स्थिति में है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय इक्विटी बाजार की अर्निंग साइकिल निचले स्तर पर है और विकास की दर यहाँ से दोहरे अंक में रह सकती है, साथ ही वैल्यूएशन भी आकर्षक बने हुए हैं।

ब्रोकरेज ने निफ्टी ईपीएस (आय प्रति शेयर) के अनुमान को वित्त वर्ष 26 के लिए 1,096 रुपए से बढ़ाकर 1,101 रुपए कर दिया है। वहीं, वित्त वर्ष 27 के लिए 1,274 रुपए से बढ़ाकर 1,278 रुपए कर दिया गया है।

Point of View

स्मॉलकैप और कुछ अन्य क्षेत्रों में दबाव बना हुआ है। हमें सतर्क रहना होगा और बाजार की स्थितियों का मूल्यांकन करना चाहिए।
NationPress
19/11/2025

Frequently Asked Questions

कौन से सेक्टर में सबसे ज्यादा आय वृद्धि हुई?
आय में सबसे ज्यादा वृद्धि ऑयलएवंगैस, टेक्नोलॉजी, सीमेंट, कैपिटल गुड्स और मेटल्स जैसे क्षेत्रों में हुई है।
मिडकैप स्टॉक्स की वृद्धि की दर कितनी रही?
मिडकैप स्टॉक्स में 26 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
भारतीय इक्विटी बाजार की वर्तमान स्थिति क्या है?
भारतीय इक्विटी बाजार की अर्निंग साइकिल निचले स्तर पर है और ग्रोथ की दर दोहरे अंक में रह सकती है।
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