क्या पीएम मोदी और बिहार का अपमान करना कांग्रेस का असली चरित्र है?

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस की बयानबाजी से बिहार में असंतोष बढ़ा है।
- सम्राट चौधरी ने बिहारियों का अपमान सहन नहीं करने का संकल्प लिया है।
- राजनीतिक दलों के बीच जुबानी जंग जारी है।
- बिहार की जनता अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो रही है।
- समाज के विभिन्न वर्गों की प्रतिक्रियाएं महत्वपूर्ण हैं।
पटना, 5 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर राजनीतिक दलों में हलचल तेज हो गई है। इस बीच, केरल कांग्रेस द्वारा किए गए एक पोस्ट ने विवाद खड़ा कर दिया है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर केरल कांग्रेस के बयान को साझा करते हुए लिखा, "पहले हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपमान और अब पूरे बिहार का अपमान, यही है कांग्रेस का असली चरित्र, जो बार-बार देश के सामने उजागर होता है।"
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बिहार की जनता का घोर अपमान है। कांग्रेस ने बिहारियों की तुलना बीड़ी से की है। पहले भी तेजस्वी यादव और राहुल गांधी जैसे नेताओं ने बिहार और बिहारियों का अपमान किया। कांग्रेस और राजद बिहार विरोधी हैं।
बिहार भाजपा के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कांग्रेस के इस बयान पर कहा कि यह उनकी मानसिकता का परिचायक है कि वे बिहार और बिहारी लोगों के प्रति क्या सोचते हैं। आज बिहार की जनता खुद को अपमानित महसूस कर रही है और कांग्रेस से सवाल कर रही है कि बिहारी के प्रति उनकी यह मानसिकता क्या है।
केरल कांग्रेस ने अपने बयान में कहा है कि 'बीड़ी' और बिहार शब्द 'बी' से शुरू होते हैं। इसके साथ ही उन्होंने जीएसटी के स्लैब का भी उल्लेख किया, जिसमें तंबाकू, सिगार और सिगरेट पर जीएसटी दर को 28 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया है, जबकि बीड़ी पर टैक्स को घटाकर 18 प्रतिशत किया गया है।
इससे पहले, सम्राट चौधरी ने बिहार बंद के सफल आयोजन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मैं बिहार की माताओं, बहनों और सभी महिलाओं का दिल से धन्यवाद करता हूं। उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से भाजपा महिला मोर्चा के साथ मिलकर इस बिहार बंद को सफल बनाया।"