क्या राहुल गांधी की बातों को कांग्रेस पार्टी में महत्व नहीं दिया जा रहा है? : हीरालाल नागर

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस में गहरी फूट और आंतरिक मतभेद मौजूद हैं।
- राहुल गांधी की बातों को पार्टी में कोई महत्व नहीं दिया जा रहा है।
- 'उदयपुर फाइल्स' फिल्म सामाजिक जागरूकता का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।
- कांग्रेस की विश्वसनीयता में कमी आ रही है।
- पार्टी के भीतर सामंजस्य का अभाव है।
जयपुर, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री हीरालाल नागर ने कांग्रेस पार्टी पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा है कि पार्टी में गहरी फूट नजर आ रही है और राहुल गांधी की बातों को कोई गंभीरता से नहीं ले रहा है।
नागर ने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी राहुल गांधी की बातों की अनदेखी की है और अब कर्नाटक की कांग्रेस सरकार भी उनके विचारों को नजरअंदाज कर रही है।
जातिगत जनगणना के संबंध में राहुल गांधी के दृष्टिकोण पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि राहुल ने कहा था कि जातिगत जनगणना वोटर आईडी के आधार पर नहीं होनी चाहिए, लेकिन उनकी पार्टी की कर्नाटक सरकार ने इसके विपरीत कार्रवाई की है।
नागर ने इसे कांग्रेस की आंतरिक समस्याओं का प्रमाण बताया और कहा, "यह स्पष्ट है कि कांग्रेस में सामंजस्य का अभाव है। राहुल गांधी को न तो उनकी पार्टी गंभीरता से लेती है और न ही कोई मुख्यमंत्री उनकी बातों को मानता है।"
कैबिनेट मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि कांग्रेस की यह स्थिति देश की जनता में उनकी विश्वसनीयता को कम कर रही है। पार्टी के नेतृत्व की कमजोरी और आपसी मतभेदों के कारण कांग्रेस दिशाहीन हो गई है।
इसके अलावा, हीरालाल नागर ने 'उदयपुर फाइल्स' फिल्म पर भी अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि यह फिल्म तथ्यों पर आधारित है और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद इसे रिलीज किया गया है। यह फिल्म सामाजिक जागरूकता लाने में सहायक है। मैं अपने कार्यकर्ताओं के साथ इसे देखने का इरादा रखता हूँ और सभी को इसे देखने की सलाह देता हूँ।
नागर ने कहा कि 'उदयपुर फाइल्स' जैसे प्रयास समाज में सच्चाई को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने फिल्म के निर्माताओं की सराहना करते हुए इसे एक साहसिक कदम कहा है, जो लोगों को इतिहास और तथ्यों से अवगत कराता है।