क्या कांग्रेस नेता 'वोटर अधिकार यात्रा' के माध्यम से जनता को उनके हक से वंचित नहीं होने देंगे?

सारांश
Key Takeaways
- वोटिंग अधिकार की महत्ता को समझना आवश्यक है।
- यात्रा का उद्देश्य जन जागरूकता फैलाना है।
- भाजपा पर वोट चोरी के आरोपों की पड़ताल करना।
- जनता को उनके मतदान अधिकारों की रक्षा के लिए प्रोत्साहित करना।
- इंडिया ब्लॉक का एकजुट होना और संघर्ष करना।
सासाराम, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के सासाराम से राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' की शुरुआत होने जा रही है। इससे पहले, कांग्रेस के नेताओं ने यह स्पष्ट किया है कि पार्टी का उद्देश्य हर नागरिक को उनके वोट के महत्व से अवगत कराना है। पवन खेड़ा ने बताया कि यह यात्रा बिहार के प्रत्येक घर तक यह संदेश पहुँचाने के लिए है कि लोगों के वोट के अधिकार पर खतरा मंडरा रहा है।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा और चुनाव आयोग की मिलीभगत के माध्यम से लोगों के वोट के अधिकार को छीनने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे अन्य अधिकार भी संकट में पड़ सकते हैं।
चुनाव आयोग की प्रेस वार्ता पर उन्होंने कहा कि यह केवल शुरुआत है और यात्रा का प्रभाव पहले से ही दिखने लगा है।
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने 'वोट चोरी' के मुद्दे पर यह दावा किया कि बिहार में वोटर लिस्ट से 65 लाख लोगों को उनके वोट के अधिकार से वंचित किया गया है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में वोट चोरी कर सरकार बनाई गई। राहुल गांधी ने इस विषय में तथ्य प्रस्तुत किए हैं, जो चुनाव आयोग के दस्तावेजों पर आधारित हैं, और यह साबित करते हैं कि लोकसभा चुनाव में धांधली हुई है।
मसूद ने यह भी कहा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की 'वोटर अधिकार यात्रा' का मुख्य उद्देश्य जागरूकता फैलाना है, ताकि लोग अपने मताधिकार को समझें और उसकी रक्षा कर सकें। उन्होंने चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा कि आयोग को स्पष्ट करना चाहिए कि गुजरात के लोगों का वोट बिहार में कैसे बना।
बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि 'वोटर अधिकार यात्रा' में इंडिया ब्लॉक के सभी प्रमुख नेता शामिल होंगे और यह यात्रा पूरे देश में एक बड़ा संदेश देने जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) चुनाव आयोग के साथ मिलकर वोट चोरी कर रही है, और इसे उजागर करना इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य है। राहुल गांधी ने इस वोट चोरी का पर्दाफाश तथ्यों के साथ किया है, जिसकी वजह से भाजपा अब चुनाव आयोग की प्रवक्ता की तरह काम कर रही है।
राजद नेता आलोक मेहता ने 'वोटर अधिकार यात्रा' को लोकतंत्र और मतदाता अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण संघर्ष की शुरुआत बताया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कोर्ट ने बिहार की जनता को यह संदेश दिया है कि प्रजातंत्र की रक्षा न्यायपालिका के माध्यम से सुनिश्चित होगी।
इस यात्रा का उद्देश्य बिहार के माध्यम से पूरे देश में जागरूकता फैलाना है कि लोगों के वोट के अधिकार पर खतरा मंडरा रहा है। वोट के अधिकार को छीनकर अन्य सभी अधिकारों को समाप्त करने की साजिश हो रही है। इंडिया ब्लॉक के साथ मिलकर हम भाजपा को उनकी साजिशों में सफल नहीं होने देंगे।