क्या सीएक्यूएम ने वायु गुणवत्ता के मद्देनजर खेल प्रतियोगिताओं को स्थगित करने का आग्रह किया?
सारांश
Key Takeaways
- सीएक्यूएम ने खेल प्रतियोगिताओं को स्थगित करने का आग्रह किया।
- यह कदम सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणियों के आधार पर उठाया गया है।
- बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
- वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के प्रति सजग रहना आवश्यक है।
- सरकारी अधिकारियों को तात्कालिक कदम उठाने की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों के राज्य सरकारों और दिल्ली नगर निगम को पत्र भेजकर नवंबर और दिसंबर के महीनों में निर्धारित शारीरिक खेल प्रतियोगिताओं को स्थगित करने का अनुरोध किया है।
आयोग ने यह कदम सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणियों के आलोक में उठाया है, जिनमें वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर और इसके बच्चों पर संभावित स्वास्थ्य प्रभावों को लेकर चिंता व्यक्त की गई थी।
सीएक्यूएम ने दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की राज्य सरकारों के साथ-साथ भारतीय खेल प्राधिकरण, एनसीआर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी) और शैक्षिक विभागों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक आयोजित की। इस बैठक में वायु गुणवत्ता के वर्तमान रुझानों की समीक्षा की गई और खासकर सर्दी के महीनों में बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा पर चर्चा की गई।
आयोग ने सभी संबंधित सरकारी अधिकारियों से तात्कालिक कदम उठाने का अनुरोध करते हुए यह भी कहा कि इस तरह के स्थगन से छात्रों को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए।
सीएक्यूएम ने निर्देश दिया कि जो प्रतियोगिताएं स्थगित की जाएं, उनके लिए वैकल्पिक तिथियां निर्धारित की जाएं और छात्रों के स्वास्थ्य या शैक्षिक प्रगति में कोई व्यवधान न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाए।
उन्होंने कहा कि इस कदम का उद्देश्य बच्चों के शारीरिक स्वास्थ्य और वायु प्रदूषण से होने वाली संभावित हानियों से उनकी सुरक्षा करना है।
सीएक्यूएम ने यह सुनिश्चित करने की अपील की है कि यदि प्रदूषण के कारण कोई भी विद्यार्थी अस्वस्थ महसूस करे, तो उसकी देखभाल और उपचार के लिए आवश्यक उपाय तत्काल किए जाएं।
यह कदम वायु प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए उठाया गया है, जो खासकर सर्दी के मौसम में तेजी से बढ़ता है और बच्चों की शारीरिक क्षमता पर नकारात्मक असर डाल सकता है।
इससे पहले सीएक्यूएम ने कहा था कि पराली को ना जलाएं, उसे अपने आय का साधन बनाएं और किसानों के सहयोग से पराली प्रबंधन को सफल बनाया जा सकता है। हम सबको मिलकर खेत, हवा और स्वास्थ्य, तीनों की रक्षा करनी होगी।