क्या कर्नाटक के दावणगेरे में 'आई लव मोहम्मद' पर विवाद थमने वाला है?

सारांश
Key Takeaways
- 'आई लव मोहम्मद' विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।
- दावणगेरे में दो पक्षों के बीच टकराव हुआ।
- विपक्ष ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- पुलिस को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए介入 करना पड़ा।
- राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ तेजी से सामने आ रही हैं।
बेंगलुरु, 25 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। 'आई लव मोहम्मद' के मुद्दे पर विवाद समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। कर्नाटक के दावणगेरे में इस विषय पर लगाए गए पोस्टर को लेकर दो पक्षों के बीच टकराव हुआ, जिसके चलते पुलिस को स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए介入 करना पड़ा। इस घटना के संदर्भ में कर्नाटक विधान परिषद में विपक्ष के नेता चलवाडी नारायणस्वामी ने सिद्धारमैया सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार इस विवाद को बढ़ावा दे रही है।
नारायणस्वामी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "राज्य में जो कुछ हो रहा है, उसके पीछे सरकार का हाथ है। एक पक्ष को बढ़ावा देना और दूसरे को रोकना उचित नहीं है। सभी को समान दृष्टि से देखना चाहिए।" उन्होंने यह भी कहा कि सबको मिलकर चलना चाहिए।
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के हालिया बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए नारायणस्वामी ने कहा, "डीके हमारे दोस्त हैं। जिस तरह से हमने शहर में गड्ढे भरे, उन्हें भी प्रधानमंत्री के घर के बाहर गड्ढे भरने चाहिए।"
बैकवर्ड क्लास कमीशन के सर्वे के संदर्भ में नारायणस्वामी ने इसे एक सुनियोजित षड्यंत्र करार दिया। उन्होंने कहा, "यह षड्यंत्र किसका है? मैंने कमीशन के ऑफिस जाकर देखा, वहां दलित क्रिश्चियन, वोकालिगा क्रिश्चियन, आदि क्या कर रहे थे? हमने इसे रोकने का प्रयास किया। यह कांग्रेस का षड्यंत्र है।"
कांग्रेस पर 'वोट चोरी' के आरोपों पर नारायणस्वामी ने पलटवार करते हुए कहा, "जो मुद्दा महत्वपूर्ण नहीं है, उसे ये लोग उठाते हैं। चुनाव के बाद इनका क्या होगा, यह किसी को नहीं पता। हम चुनाव आयोग का बचाव नहीं कर रहे, लेकिन जब वे हमें टारगेट करते हैं, तो जवाब देना जरूरी होता है।"