क्या दिल्ली में 28 अवैध प्रवासी पकड़े गए हैं?

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली में 28 अवैध प्रवासियों की गिरफ्तारी हुई।
- ये प्रवासी पश्चिम बंगाल की खुलना सीमा से आए थे।
- पुलिस ने स्थानीय मुखबिरों की मदद से कार्रवाई की।
- गिरफ्तार प्रवासियों को अस्थायी हिरासत केंद्र में रखा गया है।
- भविष्य में अवैध प्रवास के खिलाफ कार्रवाइयां जारी रहेंगी।
नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दक्षिण पूर्व जिला पुलिस के बांग्लादेशी प्रकोष्ठ ने राजधानी में अवैध रूप से निवास कर रहे 28 बांग्लादेशी प्रवासियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई बढ़ती अवैध प्रवास की चिंताओं को देखते हुए की गई, जिसमें बिना वैध दस्तावेज के रह रहे लोगों की पहचान और निर्वासन पर जोर दिया गया। पुलिस उन्हें वापस भेजने की कार्रवाई कर रही है।
इन अवैध प्रवासियों को दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में झुग्गी-झोपड़ियों, श्रमिक शिविरों और अनधिकृत कॉलोनियों से पकड़ा गया। पुलिस ने स्थानीय मुखबिरों की मदद से खुफिया जानकारी जुटाई और अवैध तरीके से भारत में आने के रास्तों की पहचान की।
इस अभियान का नेतृत्व एसआई कवलजीत और एएसआई बृजेश ने किया, जिनके साथ हेड कांस्टेबल वेदप्रकाश, अरुण, मोहित, राजेश और ज्योति बंसल ने जमीनी स्तर पर काम किया।
टीम ने फील्ड इंटेलिजेंस, मुखबिर नेटवर्क और स्थानीय पूछताछ का सहारा लिया। सत्यापन अभियान चलाकर कड़ी निगरानी की गई, जिसके बाद 28 लोगों को हिरासत में लिया गया।
पूछताछ में पता चला कि ये पश्चिम बंगाल की खुलना सीमा से अवैध तरीके से भारत में दाखिल हुए थे और उनके साथ कई अन्य अज्ञात लोग भी शामिल हो सकते हैं। इनमें से किसी के पास भी वैध यात्रा या रहने का दस्तावेज नहीं था।
गिरफ्तार किए गए सभी प्रवासियों को अस्थायी हिरासत केंद्र में रखा गया है, जहां उनके निर्वासन की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, ये लोग अकुशल मजदूर हैं जो कूड़ा बीनने, खेतिहर काम या अनौपचारिक व्यवसायों में लगे थे।
पुलिस का कहना है कि ये लोग देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए खतरा बन सकते हैं। अब तक दक्षिण पूर्व जिला पुलिस ने कुल 235 अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को निर्वासित किया है।
वहीं, अधिकारियों ने बताया कि भविष्य में भी ऐसी कार्रवाइयां जारी रहेंगी, ताकि राष्ट्रीय राजधानी में अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण रखा जा सके। स्थानीय लोगों से भी सहयोग की अपील की गई है, ताकि संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी दी जा सके।