क्या 'आप' नेता नरेश बालियान की जमानत याचिका पर हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट मांगी?

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली हाई कोर्ट ने नरेश बालियान की जमानत याचिका पर सुनवाई की।
- पुलिस को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया गया है।
- आगामी सुनवाई 3 जुलाई को होगी।
- बालियान को संगठित अपराध से जुड़े आरोपों में गिरफ्तार किया गया है।
- आम आदमी पार्टी ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध का मामला बताया है।
नई दिल्ली, २५ जून (राष्ट्र प्रेस)। आम आदमी पार्टी (आप) के नेता नरेश बालियान की जमानत याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को पुलिस को नोटिस जारी कर स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इस मामले की अगली सुनवाई ३ जुलाई को होगी।
नरेश बालियान को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने संगठित अपराधों से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया था। उन पर मकोका के तहत कार्रवाई की गई है। पुलिस का आरोप है कि बालियान संगठित आपराधिक गिरोह से जुड़े हैं और उन्होंने गैरकानूनी तरीके से संपत्ति अर्जित की है। उनके खिलाफ कई संगीन धाराओं में मामले दर्ज हैं।
'आप' नेता की ओर से दायर जमानत याचिका में कहा गया है कि उन्हें राजनीतिक द्वेष के चलते निशाना बनाया गया है। उनके खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं और उन्हें बिना किसी पुख्ता सबूत के गिरफ्तार किया गया है।
याचिका में कोर्ट से आग्रह किया गया कि उन्हें न्यायिक हिरासत से रिहा किया जाए क्योंकि पुलिस की जांच में कोई ठोस साक्ष्य सामने नहीं आया है। हाई कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया और कहा कि अगली सुनवाई से पहले पूरी स्टेटस रिपोर्ट अदालत में दाखिल की जाए।
अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि अगली सुनवाई में पुलिस को यह बताना होगा कि मकोका लगाने के क्या ठोस आधार थे और किन परिस्थितियों में यह सख्त कानून लागू किया गया।
नरेश बालियान दिल्ली की राजनीति में एक प्रभावशाली चेहरा माने जाते हैं। वह २०१५ और २०२० में आम आदमी पार्टी के टिकट पर उत्तम नगर विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित हुए थे। उनकी गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी ने इसे "राजनीतिक प्रतिशोध" की कार्रवाई बताया था और केंद्र सरकार पर एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया था।