क्या दिल्ली में 15-16 सितंबर को ‘राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन-रबी अभियान 2025’ होगा?

सारांश
Key Takeaways
- 15-16 सितंबर को राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन का आयोजन।
- कृषि विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों की भागीदारी।
- रबी फसलों के लिए रणनीतियों पर चर्चा।
- किसानों के लिए नवीनतम तकनीकों की जानकारी।
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा को सुदृढ़ करने का प्रयास।
नई दिल्ली, १३ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के पहले चरण की अभूतपूर्व सफलता के बाद, अब अभियान का दूसरा चरण शुरू होने जा रहा है।
पिछली बार खरीफ फसल के लिए अभियान आरंभ किया गया था, और अब रबी फसल को लेकर देशभर के कृषि वैज्ञानिक इस अभियान के माध्यम से गांव-गांव जाकर किसानों से मिलेंगे, आवश्यक जानकारी देंगे, उनकी समस्याएं सुनेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘लैब टू लैंड’ के सिद्धांत को साकार करने में सहायता करेंगे। इसी संदर्भ में १५ से १६ सितंबर तक दो दिवसीय ‘राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन-रबी अभियान 2025’ पूसा, नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है।
रबी फसलों के लिए होने वाला यह दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन देशभर के कृषि विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों, नीति-निर्धारकों एवं राज्य सरकारों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों को एक साझा मंच प्रदान करेगा, जहाँ रबी 2025-26 की बुवाई सीजन से संबंधित तैयारियों, उत्पादन लक्ष्यों और रणनीतियों पर गहन चर्चा की जाएगी। सम्मेलन की अध्यक्षता केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे। इस अवसर पर अनेक राज्यों के कृषि मंत्री, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण सचिव, आईसीएआर के महानिदेशक सहित अन्य संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों तथा राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह के निर्देश पर पहली बार रबी सम्मेलन दो दिवसीय हो रहा है, जिसमें कृषि से संबंधित चुनौतियों तथा रबी मौसम की फसलों के लिए किसानों को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से विभिन्न प्रकार के विषयों पर चर्चा की जाएगी।
पहले दिन केंद्र एवं राज्यों के अधिकारियों के बीच महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जाएगी। १६ सितंबर को सभी राज्यों के कृषि मंत्री एवं केंद्रीय कृषि मंत्री व राज्य मंत्री विस्तृत चर्चा करेंगे, जिसमें नवीनतम तकनीक एवं बीजों को किसानों तक प्रभावी तरीके से पहुँचाने के लिए गहन चिंतन एवं समीक्षा की जाएगी। इसमें सभी राज्यों के पदाधिकारी अपनी टीम के साथ भाग लेंगे, पहली बार कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों को भी आमंत्रित किया गया है, जो क्षेत्रीय अनुभव एवं चुनौतियों को साझा करेंगे तथा आगे की रणनीति तय करेंगे।
सम्मेलन में विभिन्न राज्यों की सफलताओं और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा किया जाएगा, ताकि उन्हें अन्य राज्यों में भी लागू किया जा सके। साथ ही, मौसम पूर्वानुमान, उर्वरक प्रबंधन, कृषि अनुसंधान और तकनीकी हस्तक्षेप से जुड़े विषयों पर भी विशेषज्ञ अपने विचार प्रस्तुत करेंगे।
यह सम्मेलन न केवल रबी 2025-26 सीजन की कार्ययोजना और उत्पादन रणनीति को दिशा देगा, बल्कि यह किसानों की आय वृद्धि, टिकाऊ कृषि प्रणाली और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
केंद्र सरकार लगातार किसानों की समृद्धि के लिए कदम उठा रही है। किसान भाई-बहनों की आमदनी में इजाफा हो इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने प्रधानमंत्री के ‘लैब टू लैंड’ के विजन को लेकर ही खरीफ फसल के लिए ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की शुरुआत की थी, जिसमें २९ मई से १२ जून तक विभिन्न राज्यों का दौरा करते हुए उन्होंने स्वयं किसानों से सीधा संवाद कर उनकी समस्याओं के समाधान का प्रयास किया था। पहले चरण में वैज्ञानिकों की २,१७० टीमें गांव-गांव गईं, जहाँ किसानों ने उत्साह के साथ वैज्ञानिकों से संवाद करते हुए खेती से जुड़ी आवश्यक जानकारी प्राप्त की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अभियान की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए इसे ऐतिहासिक कदम बताया।
पिछली बार की तरह ही इस बार भी देश के किसान भाई-बहन अभियान को लेकर बेहद उत्साहित और आशान्वित हैं। उम्मीद की जा रही है कि पिछली बार की तरह ही यह अभियान सैद्धांतिक नहीं बल्कि व्यावहारिक उद्देश्यों को सिद्ध करते हुए बड़ी संख्या में किसानों तक पहुंच सुनिश्चित करेगा और खेती को नई दिशा देगा।