क्या दिल्ली में हथियारों की बड़ी खेप बरामद हुई? चार आरोपी गिरफ्तार

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली में 15 पिस्तौल और 150 कारतूस बरामद किए गए।
- चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
- आरोपी मेरठ से हथियार खरीदते थे और दिल्ली में बेचते थे।
- अनिकेत का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।
- यह गिरफ्तारी अवैध हथियारों के कारोबार के खिलाफ महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली, 14 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की नारकोटिक्स और रेंज-2 की टीम ने अवैध हथियारों की एक विशाल खेप के साथ चार आरोपियों को पकड़ने में सफलता हासिल की है। पुलिस ने इनसे 15 पिस्तौल, 150 कारतूस और 8 मैगजीन बरामद की हैं।
यह कार्रवाई इंटर स्टेट सेल द्वारा की गई। गिरफ्तार आरोपियों के नाम मोहम्मद साजिद, अनिकेत, विशाल राणा और सौरभ हैं। पुलिस ने बताया कि ये आरोपी मेरठ से 30 से 35 हजार रुपए में पिस्तौल खरीदते थे और फिर उन्हें दिल्ली और आस-पास 50 से 60 हजार रुपए में बेचते थे। जांच के दौरान आरोपी मोहम्मद साजिद का नाम गैंगस्टर नीरज बवानिया से भी जोड़ा गया है।
डीसीपी क्राइम ब्रांच हर्ष इंदौरा ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा, "कुल चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। हमने 15 पिस्तौल, 8 अतिरिक्त मैगजीन और 150 कारतूस बरामद किए हैं। इस मामले की जानकारी जुटाने में काफी मेहनत लगी। शुरुआत में हमने साजिद की पहचान की थी।"
उन्होंने बताया कि चारों आरोपियों में से केवल अनिकेत का पिछला कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, जबकि बाकी तीन पहले भी आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहे हैं। इस गिरफ्तारी को दिल्ली में अवैध हथियारों के कारोबार के खिलाफ एक बड़ी सफलता माना जा रहा है।
इंदौरा ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। ये लोग कितने समय से यह काम कर रहे थे और किस-किस को अभी तक हथियार सप्लाई किए हैं, सभी की जांच की जाएगी।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने 13 सितंबर को रोहिणी सेक्टर-11 इलाके से आकाश को गिरफ्तार कर उसके पास से एक पिस्टल और दो कारतूस बरामद किए थे।
पुलिस की जांच में यह सामने आया कि आरोपी आकाश की पारिवारिक हालत कमजोर थी। उसका पिता रिक्शा चालक है। बीए प्रथम वर्ष तक पढ़ाई करने के बाद 2017 में उसने पढ़ाई छोड़ दी थी।
वर्ष 2024 में उसने अपने साथी राहुल यादव के साथ मिलकर पीतमपुरा टीवी टावर के पास 25 लाख रुपए की डकैती की थी। इसमें उसके हिस्से से 3 लाख रुपए बरामद हुए थे। जेल से बाहर आने के बाद उसने दोबारा अपराध करना शुरू कर दिया था।