क्या दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति नहीं आने देंगे: सीएम रेखा गुप्ता?

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क्या दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति नहीं आने देंगे: सीएम रेखा गुप्ता?

सारांश

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बाढ़ प्रबंधन की तैयारियों का निरीक्षण किया और कहा कि दिल्लीवासियों की सुरक्षा प्राथमिकता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि यमुना में जल स्तर बढ़ने के बावजूद बाढ़ जैसी स्थिति नहीं आने दी जाएगी।

Key Takeaways

  • सीएम ने बाढ़ प्रबंधन की तैयारियों का निरीक्षण किया।
  • यमुना का जल स्तर 206 मीटर तक बढ़ सकता है।
  • राहत कार्यों के लिए 14 नावें तैनात की गई हैं।
  • सरकार ने नालियों की सफाई में तेजी लाई है।
  • सुरक्षा प्रशासन की प्राथमिकता है।

नई दिल्ली, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को यमुना और उसके आस-पास के क्षेत्रों में बाढ़ प्रबंधन और तैयारियों का गहन निरीक्षण किया। उन्होंने दिल्लीवासियों को आश्वस्त किया कि शहर में किसी प्रकार की बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न नहीं होने दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने और अपर यमुना क्षेत्र में भारी वर्षा के कारण केंद्रीय जल आयोग ने सुझाव दिया है कि यमुना का जल स्तर दिल्ली में 206 मीटर तक पहुंच सकता है।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष दिल्ली सरकार ने मानसून के आगमन से पहले ही बाढ़ प्रबंधन की तैयारियों को पूरा कर लिया था और सभी विभाग लगातार इस पर कार्यरत हैं। स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की सुरक्षा सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है।

आधिकारिक बयान के अनुसार, राहत और बचाव कार्यों के लिए प्रमुख स्थानों पर 14 नावें तैनात की गई हैं। साथ ही, बाढ़ से प्रभावित हो सकने वाले क्षेत्रों में नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। पीडब्ल्यूडी, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग और एमसीडी ने नालियों की सफाई में तेजी लाई है। पंप हाउसों का निरीक्षण भी किया गया है और मोबाइल पंप भी तैनात किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कहीं भी मामूली समस्याएं होंगी, तो वे केवल बाढ़ के मैदान जैसे क्षेत्रों तक सीमित रहेंगी, जहां पानी आना स्वाभाविक है। प्रशासन ने उन क्षेत्रों के निवासियों को पहले ही सतर्क कर दिया है और सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरण के लिए सभी आवश्यक इंतजाम कर लिए हैं।

मुख्यमंत्री का निरीक्षण असिता घाट से शुरू होकर यमुना छठ घाट, डीएम ईस्ट कार्यालय, रेगुलेटर नंबर 12 और कंट्रोल रूम तक चला। इस अवसर पर मंत्री प्रवेश साहिब सिंह भी उपस्थित थे।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में यमुना में एक लाख से अधिक क्यूसेक्स पानी छोड़ा जा रहा है, जो बिना किसी रुकावट के समान गति से बह रहा है। इससे पहले ऐसी स्थिति में जलभराव की समस्या होती थी, लेकिन इस बार सरकार ने यमुना के जल स्तर, प्रवाह और डिस्चार्ज पर कड़ी निगरानी रखी है। विभागीय टीमों द्वारा इसकी निरंतर मॉनिटरिंग की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि अगस्त-सितंबर 2023 में यमुना का जल स्तर 208.6 मीटर तक पहुंच गया था, जिससे कई इलाकों में बाढ़ आई थी और लोगों का जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ था। उस समय नालियों की सफाई और बैराज की मरम्मत ठीक तरह से नहीं हुई थी, और आईटीओ बैराज के गेट भी जाम हो गए थे। लेकिन, इस बार छह महीने से लगातार काम किया गया है, सभी आईटीओ बैराज के गेट खुले हैं और नालियों की सफाई पूरी हो चुकी है, जिससे उनकी क्षमता बढ़ गई है। इस कारण इस बार जलभराव जैसी समस्या नहीं होगी।

Point of View

यह स्पष्ट है कि सरकार ने इस गंभीर समस्या को गंभीरता से लिया है। हालांकि, पिछले अनुभवों को ध्यान में रखते हुए, यह आवश्यक है कि प्रशासन सतर्कता बनाए रखे और जनता को भी जागरूक करे।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या दिल्ली में बाढ़ का खतरा है?
मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि इस बार बाढ़ जैसी स्थिति नहीं आएगी।
बाढ़ प्रबंधन के लिए क्या उपाय किए गए हैं?
14 नावें तैनात की गई हैं और नालियों की सफाई की जा रही है।