क्या आरएसएस की स्थापना की आवश्यकता और उद्देश्यों पर चर्चा हुई?

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क्या आरएसएस की स्थापना की आवश्यकता और उद्देश्यों पर चर्चा हुई?

सारांश

दिल्ली में विजयादशमी के पावन अवसर पर आरएसएस ने अपने 100 वर्षों की यात्रा को मनाया। इस दौरान विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जहां वक्ताओं ने आरएसएस की स्थापना के महत्व पर प्रकाश डाला। जानिए इस अवसर की खासियतें और स्वयंसेवकों की भूमिका।

Key Takeaways

  • आरएसएस की स्थापना 1925 में हुई थी।
  • विजयादशमी पर 346 स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए।
  • हजारों स्वयंसेवकों ने समारोहों में भाग लिया।
  • समाज के सभी वर्गों ने कार्यक्रम का स्वागत किया।
  • वक्ताओं ने पांच प्रमुख परिवर्तनों की आवश्यकता पर जोर दिया।

नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। विजयादशमी के इस पवित्र अवसर पर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अपने अस्तित्व के 100 वर्ष पूरे कर लिए हैं और अब वह 101वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। 1925 में इसी दिन, डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने आरएसएस की स्थापना की थी।

इस स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में, दिल्ली में जिला स्तर पर विजयादशमी पूजा और पथ संचलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शहर के 346 स्थानों पर समारोह आयोजित किए गए, जिसमें शस्त्र पूजन और पथ संचलन शामिल थे।

हजारों स्वयंसेवकों ने पारंपरिक ढोल की थाप पर पूर्ण गणवेश में उत्साहपूर्वक भाग लिया, जबकि कई अन्य स्वयंसेवकों ने कार्यक्रम की व्यवस्था का प्रबंधन किया।

जैसे-जैसे जुलूस विभिन्न कॉलोनियों और बस्तियों से गुजरा, समाज के सभी वर्गों, युवाओं, महिलाओं और बुद्धिजीवियों ने फूलों की वर्षा करके पदयात्रियों का स्वागत किया।

समाज के प्रमुख सदस्यों को भी इन कार्यक्रमों में आमंत्रित किया गया था। पदयात्रा के समापन पर आरएसएस के राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और प्रांतीय नेताओं ने कई स्थानों पर स्वयंसेवकों को संबोधित किया। प्रांत संघचालक डॉ. अनिल अग्रवाल और वरिष्ठ पदाधिकारी इंद्रेश कुमार ने पश्चिम विहार में विजयादशमी समारोह और पथ संचलन में भाग लिया।

इस अवसर पर, बिजवासन में उप संचार प्रमुख भरतजी भी उपस्थित थे। आरएसएस के एक अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी, मुरलीजी, कोंडली, मयूर विहार में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। प्रांत प्रभारी अनिल गुप्ता विकास नगर, उत्तम नगर और विशाल दिल्ली विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रमों में उपस्थित रहे।

वक्ताओं ने आरएसएस की स्थापना की आवश्यकता, उसके उद्देश्यों और उसकी शताब्दी लंबी यात्रा पर प्रकाश डाला। उन्होंने समाज और स्वयंसेवकों से अपने जीवन में पांच प्रमुख परिवर्तन अपनाने का आग्रह किया।

Point of View

बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना भी है। यह एक ऐसा मंच है जो लोगों को एकजुट करने का कार्य करता है, और यह देखना महत्वपूर्ण है कि कैसे यह संगठन समाज में अपनी उपस्थिति बनाए रखता है।
NationPress
02/10/2025

Frequently Asked Questions

आरएसएस की स्थापना कब हुई थी?
आरएसएस की स्थापना 1925 में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा की गई थी।
विजयादशमी पर आरएसएस ने क्या आयोजन किया?
विजयादशमी के अवसर पर आरएसएस ने दिल्ली में जिला स्तरीय पूजा और पथ संचलन कार्यक्रम का आयोजन किया।
आरएसएस का उद्देश्य क्या है?
आरएसएस का उद्देश्य भारतीय संस्कृति की रक्षा करना और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना है।
इस कार्यक्रम में कितने स्वयंसेवक शामिल हुए?
इस कार्यक्रम में हजारों स्वयंसेवक शामिल हुए।
आरएसएस के प्रमुख नेता कौन थे जो इस कार्यक्रम में मौजूद थे?
प्रांत संघचालक डॉ. अनिल अग्रवाल और वरिष्ठ पदाधिकारी इंद्रेश कुमार इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।