क्या सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में आवारा कुत्तों के मामले में नई अर्जी की जल्दी सुनवाई करने से इनकार किया?

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली में आवारा कुत्तों की समस्या गंभीर है।
- सुप्रीम कोर्ट ने शीघ्र सुनवाई की मांग को ठुकराया।
- MCD का नोटिफिकेशन न्यायिक प्रक्रिया का उल्लंघन है।
- आवारा कुत्तों को शेल्टर में भेजने का आदेश दिया गया है।
- किसी भी बाधा डालने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
नई दिल्ली, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली में आवारा कुत्तों से संबंधित एक नई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शीघ्र सुनवाई करने से मना कर दिया है। यह याचिका MCD द्वारा आवारा कुत्तों को उठाने के लिए जारी नोटिफिकेशन के खिलाफ दायर की गई थी।
याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत से तत्काल सुनवाई की अपील की। वकील का कहना था कि MCD ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार किए बिना आवारा कुत्तों को उठाने और उन्हें शेल्टर होम में रखने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
नई याचिका में यह तर्क प्रस्तुत किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच को यह निर्णय लेना है कि आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में रखने के निर्देश को बरकरार रखा जाए या नहीं। इस स्थिति में MCD का नोटिफिकेशन न्यायिक प्रक्रिया का उल्लंघन है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में शीघ्र सुनवाई की मांग को खारिज कर दिया।
गौरतलब है कि 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान जस्टिस जेबी पारदीवाला और आर. महादेवन की बेंच ने आदेश दिया था कि दिल्ली-एनसीआर में सभी आवारा कुत्तों को शेल्टर में भेजा जाए और उन्हें सड़कों पर वापस नहीं छोड़ा जाए। अदालत ने नगर निगमों को वैक्सीनेशन और शेल्टर निर्माण के निर्देश भी दिए।
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि दिल्ली-एनसीआर के सभी क्षेत्रों से आवारा कुत्तों को उठाने की प्रक्रिया शुरू की जाए और उन्हें सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया जाए। यदि किसी भी संगठन या व्यक्ति द्वारा इस प्रक्रिया में बाधा डाली जाती है, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। अदालत ने चेतावनी दी है कि यदि कोई आवारा कुत्तों को जबरदस्ती पकड़ने में रुकावट डालता है, तो उसे कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।