क्या बढ़ा प्रदूषण तापमान को गिराएगा? वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में, ग्रेप का अगला चरण जल्द लागू हो सकता है

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क्या बढ़ा प्रदूषण तापमान को गिराएगा? वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में, ग्रेप का अगला चरण जल्द लागू हो सकता है

सारांश

दिल्ली-एनसीआर में मौसम में बदलाव के साथ ही वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर होती जा रही है। आईएमडी के मुताबिक, तापमान में गिरावट और प्रदूषण के स्तर में वृद्धि की संभावना है। जानें कैसे यह स्थिति प्रभावित कर रही है लोगों के स्वास्थ्य पर।

Key Takeaways

  • दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता गंभीर स्थिति में है।
  • तापमान में गिरावट से प्रदूषण बढ़ता है।
  • ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के अगले चरण की तैयारी हो रही है।
  • स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह का पालन करें।
  • बाहर जाने से बचें और मास्क पहनें।

नोएडा, 27 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली-एनसीआर में मौसम का मिजाज बदलने लगा है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, आने वाले दिनों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी।

मौसम विभाग की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 27 अक्टूबर से 1 नवंबर तक दिल्ली-एनसीआर में अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 15 से 16 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। यह इस बात का संकेत है कि सर्दी धीरे-धीरे दस्तक दे रही है।

हालांकि, इस ठंडक के साथ-साथ वायु प्रदूषण ने राजधानी और उसके आसपास के क्षेत्रों में स्थिति को चिंताजनक बना दिया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरनाक स्तर तक पहुँच गया है।

दिल्ली के कई क्षेत्रों में स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। आनंद विहार का एक्यूआई 431, बवाना का 401 और चांदनी चौक का 371 तक पहुँच गया है। नोएडा के सेक्टर-125 में एक्यूआई 371, सेक्टर-116 में 360 और सेक्टर-1 में 318 मापा गया। गाजियाबाद के लोनी में यह 350 और इंदिरापुरम में 326 के पार चला गया है। इसका अर्थ यह है कि इन क्षेत्रों की हवा ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में जा चुकी है।

विशेषज्ञों का कहना है कि तापमान में गिरावट और हवा की गति में कमी से प्रदूषक तत्व वातावरण में ठहर जाते हैं, जिससे एक्यूआई में तेजी से वृद्धि होती है। इसके अतिरिक्त, दिल्ली-एनसीआर में पराली जलाने की घटनाएं, निर्माण कार्यों से उत्पन्न धूल और वाहनों से निकलने वाला धुआं प्रदूषण को और बढ़ा रहे हैं। ऐसे हालात में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के अगले चरण को लागू करने की तैयारी की जा रही है।

पर्यावरण विभाग के सूत्रों के अनुसार, यदि हवा की गुणवत्ता इसी स्तर पर बनी रहती है, तो अगले 48 घंटों में निर्माण कार्यों पर रोक, डीजल जेनरेटर के उपयोग पर प्रतिबंध और सड़कों की मैकेनिकल सफाई बढ़ाने जैसे कदम उठाए जा सकते हैं।

इस बीच, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को सुबह और शाम के समय बाहर जाने से बचने, मास्क पहनने और इनडोर एयर क्वालिटी बनाए रखने की सलाह दी है। मौसम विभाग ने भी चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट के साथ प्रदूषण का स्तर और बढ़ सकता है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि प्रदूषण की बढ़ती समस्या और गिरता तापमान दोनों ही हमारे समाज के लिए गंभीर खतरे का संकेत हैं। हमें पर्यावरण की सुरक्षा और मानव स्वास्थ्य के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
NationPress
27/10/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता क्यों खराब हो रही है?
वायु गुणवत्ता खराब होने के कई कारण हैं, जैसे पराली जलाना, निर्माण कार्यों से धूल और वाहनों से निकलने वाला धुआं।
क्या ग्रेप का अगला चरण प्रभावी होगा?
जी हां, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के अगले चरण को लागू करने से प्रदूषण कम करने में मदद मिल सकती है।
क्या हमें प्रदूषण से बचने के लिए मास्क पहनना चाहिए?
बिल्कुल! प्रदूषण के उच्च स्तर के दौरान मास्क पहनना सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
क्या तापमान में गिरावट से प्रदूषण बढ़ता है?
हाँ, तापमान में गिरावट और हवा की गति में कमी से प्रदूषक तत्व वातावरण में ठहर जाते हैं, जिससे प्रदूषण बढ़ता है।
क्या स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह का पालन करना जरूरी है?
जी हाँ, स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह का पालन करना आपकी सेहत के लिए आवश्यक है।