क्या दिल्ली पुलिस ने दस साल से फरार आरोपी को गिरफ्तार किया?

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क्या दिल्ली पुलिस ने दस साल से फरार आरोपी को गिरफ्तार किया?

सारांश

दिल्ली पुलिस ने राजौरी क्षेत्र में एक फरार अपराधी की गिरफ्तारी की है। यह व्यक्ति दस साल से न्याय से भाग रहा था। उसकी गिरफ्तारी से पुलिस ने एक बार फिर से अपना प्रभावी कार्यवाही का परिचय दिया है। जानें, इस गिरफ्तारी के पीछे की कहानी और साइबर क्राइम से जुड़े ताजा मामले के बारे में।

Key Takeaways

  • दिल्ली पुलिस ने दस साल से फरार लयकत अली को गिरफ्तार किया।
  • गिरफ्तारी आईजीआई हवाई अड्डे से हुई थी।
  • फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग घोटाले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
  • पुलिस ने लोगों से अनजान ऐप्स से निवेश न करने की अपील की है।

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में राजौरी पुलिस ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए दस वर्ष से फरार अपराधी को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इस अपराधी को नई दिल्ली के आईजीआई हवाई अड्डे से पकड़ने में सफलता हासिल की।

गिरफ्तार किए गए युवक की पहचान राजौरी के खवास तहसील गुंधा निवासी लयकत अली के रूप में की गई है। यह व्यक्ति बुधल पुलिस स्टेशन में एफआईआर संख्या 72/2015 के तहत धारा 324, 452, 336, 323 और 147 आरपीसी के तहत दर्ज मामले में वांछित था।

पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी कि आरोपी लयकत अली 2015 से फरार था, जिसके कारण न्यायालय ने उसके खिलाफ धारा 512 सीआरपीसी के तहत वारंट जारी किया था।

उन्होंने बताया कि एलओसी (लुक आउट सर्कुलर) पर त्वरित कार्रवाई करते हुए आईजीआई हवाई अड्डे पर मुखबिर की सूचना पर अपराधी को गिरफ्तार किया गया।

वहीं, सोमवार को दिल्ली के आउटर-नॉर्थ जिले की साइबर क्राइम पुलिस ने एक बड़े फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग घोटाले का भंडाफोड़ करते हुए गुजरात से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने भोले-भाले लोगों को शेयर बाजार में ऊंचे मुनाफे का लालच देकर ठगा।

इस घोटाले में एक पीड़ित से 11.20 लाख रुपए की ठगी की गई। पुलिस ने आरोपियों के पास से दो मोबाइल फोन, एक पासबुक, दो डेबिट कार्ड और एक चेकबुक बरामद की है।

टीम ने तकनीकी जांच और डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर गुजरात के साबरकांठा जिले के गढ़ा गांव में छापेमारी की। वहां से दो आरोपियों, जाबिर हुसैन (38) और माज अरोदिया (30), को गिरफ्तार किया गया।

पुलिस जांच में पता चला कि आरोपियों ने फर्जी ट्रेडिंग ऐप बनाकर सोशल मीडिया के जरिए लोगों को लुभाया। पीड़ितों का भरोसा जीतने के बाद उन्हें फर्जी बैंक खातों में पैसे जमा करने को कहा गया।

ठगी की रकम को कई खातों में बांटकर गुजरात और महाराष्ट्र के खातों में ट्रांसफर किया गया। जांच में इन खातों का संबंध एनसीआरपी पोर्टल पर दर्ज तीन अन्य शिकायतों से भी जुड़ा, जो एक अंतरराज्यीय साइबर अपराध नेटवर्क की ओर इशारा करता है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे अनजान ऐप्स या सोशल मीडिया लिंक के जरिए निवेश न करें।

Point of View

यह सब एक सकारात्मक संकेत है कि हमारे देश में कानून का राज कायम है।
NationPress
06/10/2025

Frequently Asked Questions

लयकत अली क्यों फरार था?
लयकत अली 2015 से एक गंभीर आपराधिक मामले में फरार था, जिसके खिलाफ न्यायालय ने वारंट जारी किया था।
फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग घोटाले में क्या हुआ?
इस घोटाले में लोगों को फर्जी ट्रेडिंग ऐप के माध्यम से ठगा गया, जिससे एक पीड़ित से 11.20 लाख रुपए की ठगी की गई।