क्या दिल्ली पुलिस ने अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों को गिरफ्तार किया?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली पुलिस ने अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई की।
- गिरफ्तार व्यक्तियों में ट्रांसजेंडर शामिल हैं।
- प्रतिबंधित आईएमओ ऐप बरामद किया गया।
- प्रत्यर्पण प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
- संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देने की अपील।
नई दिल्ली, २२ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली पुलिस के उत्तर-पश्चिमी जिले की फॉरेनर सेल ने महेंद्र पार्क थाना क्षेत्र में एक विशेष अभियान के तहत दो अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों को गिरफ्तार किया है। ये दोनों ट्रांसजेंडर व्यक्ति हैं, जिनके पास से दो स्मार्टफोन मिले हैं, जिनमें प्रतिबंधित आईएमओ ऐप इंस्टॉल था, और दो बांग्लादेशी राष्ट्रीय पहचान पत्र भी बरामद किए गए।
अवैध अप्रवासियों के खिलाफ चल रहे अभियान के तहत, फॉरेनर सेल की विशेष टीम ने कार्रवाई की। इस टीम में एसआई तपोश, एएसआई राजेंद्र, एएसआई विजय, एचसी विक्रम, एचसी कपिल कुमार, महिला एचसी दीपक, कांस्टेबल हावा सिंह और कांस्टेबल दीपक बंगार शामिल थे। इस कार्रवाई का नेतृत्व इंस्पेक्टर विपिन कुमार और एसीपी राजीव कुमार ने किया। गिरफ्तार संदिग्धों के प्रत्यर्पण प्रक्रिया फॉरेनर्स रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (एफआरआरओ) के समन्वय में शुरू की जा रही है।
१५ अक्टूबर को न्यू सब्जी मंडी, महेंद्र पार्क क्षेत्र में संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों की गतिविधियों की खुफिया सूचना मिली, जिसके आधार पर फॉरेनर सेल ने मुखबिर की मदद से छापेमारी की। न्यू सब्जी मंडी के पास दो संदिग्ध व्यक्तियों को रोका गया, जिनकी पहचान तपोष बिस्वास उर्फ नंदनी (३७ वर्ष, खुलना, बांग्लादेश) और एमडी मेहेदी हसन सजल उर्फ लीमा (२१ वर्ष, बारगुना, बांग्लादेश) के रूप में हुई।
पूछताछ में दोनों ने अपनी बांग्लादेशी नागरिकता स्वीकार की और डिजिटल रूप में अपने राष्ट्रीय पहचान पत्र दिखाए। जांच में पता चला कि दोनों ने जेंडर-एफ़र्मिंग सर्जरी (जीएएस) करवाकर अपनी शारीरिक पहचान बदली थी। वे भारी मेकअप, साड़ी या सलवार-सूट और आर्टिफिशियल बाल से अपनी पहचान छिपाते थे। साथ ही, उन्होंने अपनी आवाज और शारीरिक भाषा को भी महिला जैसी बनाया था।
दिन में वे भीख मांगते थे और रात में आपत्तिजनक गतिविधियों में शामिल थे। उनके स्मार्टफोनों में प्रतिबंधित आईएमओ ऐप पाया गया, जिसका उपयोग वे संदिग्ध बातचीत के लिए करते थे। साइबर इंटेलिजेंस, निगरानी और क्षेत्रीय छापेमारी के संयोजन से अवैध प्रवासन और पहचान छिपाने की चुनौतियों का सामना किया गया। गिरफ्तार व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है, और उनकी प्रत्यर्पण प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है।
उपायुक्त पुलिस (उत्तर-पश्चिमी जिला) भीष्म सिंह ने बताया कि दिल्ली पुलिस अवैध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखे हुए है। उन्होंने जनता से अपील की कि संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।