क्या दिल्ली में ऑपरेशन मिलाप ने 931 लापता लोगों को परिवारों से मिलाने में मदद की?

सारांश
Key Takeaways
- 931 लापता व्यक्तियों को उनके परिवारों से मिलाया गया।
- अभियान में 306 नाबालिग और 625 वयस्क शामिल हैं।
- पुलिस ने सीसीटीवी और स्थानीय पूछताछ का उपयोग किया।
- समुदाय का पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है।
- भविष्य में ऐसे अभियानों को जारी रखने की योजना है।
नई दिल्ली, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दक्षिण-पश्चिम जिला पुलिस ने इस वर्ष 31 अगस्त तक 931 लापता व्यक्तियों को खोजकर उनके परिवारों से मिलाने का एक अद्वितीय कार्य किया है। इनमें 306 नाबालिग और 625 वयस्क शामिल हैं।
दिल्ली पुलिस ने 1 से 31 अगस्त के बीच 130 लापता लोगों (48 बच्चे और 82 वयस्क) को सुरक्षित उनके परिजनों से मिलाने का कार्य किया। इस कार्रवाई को “ऑपरेशन मिलाप” के तहत अंजाम दिया गया, जिसमें उनकी त्वरित कार्रवाई और समर्पण साफ नजर आता है।
अगस्त में दक्षिण-पश्चिम जिला पुलिस की विभिन्न इकाइयों और थानों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। कापसहेड़ा थाने की टीम ने 10 से 18 वर्ष की आयु के 14 बच्चों को खोज निकाला और 13 वयस्कों (10 पुरुष और 3 महिलाएं) को उनके परिवारों से मिलाया।
एएचटीयू, दक्षिण-पश्चिम जिला की टीम ने 14 बच्चों (1 लड़का और 13 लड़कियां) को ढूंढ निकाला। सागरपुर थाने ने 3 बच्चों (2 लड़के और 1 लड़की) तथा 15 वयस्कों को खोजा। पालम गांव थाना पुलिस ने 2 नाबालिग लड़कियों और 13 वयस्कों को बरामद किया।
वसंत कुंज दक्षिण थाने ने 2 नाबालिग लड़कों और 9 वयस्कों को उनके परिवारों से मिलाया। दिल्ली कैंट थाने ने 2 नाबालिग लड़कों और 3 वयस्कों (1 पुरुष और 2 महिलाएं) को खोजा।
किशनगढ़ थाने ने 14 वर्ष की एक नाबालिग लड़की और 6 महिलाओं को बरामद किया। वसंत कुंज उत्तर थाने ने 4 बच्चों (1 लड़का और 3 लड़कियां) तथा 6 वयस्कों (1 पुरुष और 5 महिलाएं) को उनके परिजनों से मिलाया।
आर.के. पुरम थाने ने 3 बच्चों (1 लड़का और 2 लड़कियां) और 1 महिला को खोजा। एस.जे. एन्क्लेव थाने ने 4 नाबालिग लड़कियों और 5 वयस्कों (4 पुरुष और 1 महिला) को खोजा।
वसंत विहार पुलिस चौकी ने 3 वयस्कों (1 पुरुष और 2 महिलाएं), सरोजिनी नगर पुलिस चौकी ने 7 वयस्कों (3 पुरुष और 4 महिलाएं), जबकि दक्षिण परिसर पुलिस चौकी ने 2 लापता महिलाओं को उनके परिवारों से मिलाया।
पुलिस ने लापता व्यक्तियों की खोज के लिए कई प्रभावी कदम उठाए। जैसे ही लापता होने की सूचना मिली, तलाशी अभियान शुरू किया गया। सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच की गई। पुलिस ने ऑटो स्टैंड, ई-रिक्शा स्टैंड, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों पर लापता लोगों की तस्वीरें दिखाईं। स्थानीय लोगों, बस चालकों, कंडक्टरों और दुकानदारों से पूछताछ की गई।
इसके अलावा, स्थानीय मुखबिरों की मदद ली गई और आसपास के पुलिस थानों व अस्पतालों के रिकॉर्ड खंगाले गए। इन समन्वित प्रयासों से पुलिस को लापता लोगों का पता लगाने में बड़ी सफलता मिली।
इन सभी प्रयासों ने न केवल लापता लोगों को उनके परिजनों तक पहुँचाया, बल्कि पुलिस के प्रति समुदाय का भरोसा भी बढ़ाया। दक्षिण-पश्चिम जिला पुलिस ने भविष्य में भी “ऑपरेशन मिलाप” के तहत ऐसे अभियान जारी रखने का संकल्प लिया है।