क्या 'से हेल्प' ऐप की सहायता से दिल्ली पुलिस ने मानव तस्करी का रैकेट तोड़ा?

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क्या 'से हेल्प' ऐप की सहायता से दिल्ली पुलिस ने मानव तस्करी का रैकेट तोड़ा?

सारांश

दिल्ली पुलिस ने 'से हेल्प' ऐप की मदद से एक मानव तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ किया, जिसमें छह महिलाओं को मुक्त कराया गया। यह घटना तकनीक के माध्यम से समय पर सूचना प्राप्त करने की शक्ति को दर्शाती है।

Key Takeaways

  • दिल्ली पुलिस ने तकनीक की मदद से मानव तस्करी का रैकेट तोड़ा।
  • छह महिलाओं को गुलामी से मुक्त कराया गया।
  • 'से हेल्प' ऐप ने रीयल-टाइम जानकारी प्रदान की।
  • महिलाओं को काउंसलिंग और पुनर्वास के लिए एनजीओ को सौंपा गया।
  • इस घटना ने अनैतिक व्यापार के खिलाफ जागरूकता बढ़ाई।

नई दिल्ली, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली पुलिस के केंद्रीय क्षेत्र ने नवीनतम तकनीक का उपयोग करते हुए पहाड़गंज क्षेत्र में एक बड़े अनैतिक तस्करी रैकेट का पर्दाफाश किया। 'से हेल्प' नामक वॉयस-एक्टिवेटेड इमरजेंसी ऐप के माध्यम से प्राप्त सूचना पर तत्परता से कार्रवाई करते हुए पुलिस ने गैलेक्सी स्पा को सील कर दिया।

इस ऑपरेशन के अंतर्गत छह महिलाओं को गुलामी की जंजीरों से मुक्त किया गया, जबकि एक रिसेप्शनिस्ट को गिरफ्तार किया गया। बरामदगी में 2,000 रुपए की चिह्नित मुद्रा और तीन निरोधक पैकेट शामिल थे।

30-31 अक्टूबर 2025 की रात करीब 11:30 बजे 'से हेल्प' ऐप पर एक 32 वर्षीय व्यक्ति ने अलर्ट भेजा। उसने कहा कि एक महिला को जबरन एक स्पा जैसी जगह पर ले जाया जा रहा है। ऐप ने तुरंत वीडियो, ऑडियो, जीपीएस लोकेशन और लाइव ट्रैकिंग के माध्यम से पुलिस को रीयल-टाइम जानकारी भेज दी।

केंद्रीय क्षेत्र के विशेष स्टाफ, मध्य जिला पुलिस और ऐप की समर्पित टीम ने सूचना की पुष्टि की। खुफिया जानकारी से पता चला कि डीबीजी रोड, नबी करीम स्थित टुडे होटल के पास गैलेक्सी स्पा (द्वितीय तल, 4/1) में अनैतिक तस्करी का धंधा चल रहा था।

पुलिस ने एक सटीक छापेमारी की। एक अधिकारी को फर्जी ग्राहक बनाकर 2,000 रुपए के चिह्नित नोट दिए गए। उसे व्हाट्सएप पर मिस्ड कॉल देकर संकेत देने को कहा गया। शाम 7:25 बजे फर्जी ग्राहक ने अवैध गतिविधियों की पुष्टि की। तुरंत छापेमारी दल ने स्पा पर धावा बोल दिया। अंदर छह महिलाएं और एक रिसेप्शनिस्ट अनैतिक कामों में लिप्त पाई गईं।

चिह्नित नोट और 'निरोधक' पैकेट जब्त कर लिए गए। पूछताछ में रिसेप्शनिस्ट 'के' (36 वर्ष, पहाड़गंज निवासी) ने कबूल किया कि वह अपने पति के साथ मिलकर यह अवैध धंधा चला रही थी। महिलाओं को नौकरी के लालच देकर लाया जाता था, फिर जबरन वेश्यावृत्ति में धकेल दिया जाता। बचाई गई अधिकांश महिलाएं दूसरे राज्यों से थीं, जो आर्थिक तंगी का शिकार हुईं।

इन महिलाओं को मेडिकल जांच के बाद काउंसलिंग और पुनर्वास के लिए एनजीओ को सौंप दिया गया। 31 अक्टूबर को थाना नबी करीम में अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम, 1956 की धारा 3/4/5 के तहत प्राथमिकी संख्या 0450/2025 दर्ज की गई।

यह ध्यान देने योग्य है कि 'से हेल्प' ऐप एंड्रॉइड और आईओएस पर उपलब्ध एक वैश्विक इमरजेंसी टूल है। यह वॉयस कमांड या पुश बटन से अलर्ट भेजता है, जो एसएमएस/व्हाट्सएप के जरिए संपर्कों और पुलिस तक पहुंचता है। ऐप में लाइव वीडियो स्ट्रीमिंग, मैप ट्रैकिंग और हेल्थ चेक-अप फीचर्स शामिल हैं।

Point of View

हमें इस घटना पर गर्व है, जो यह दर्शाती है कि तकनीक का सही उपयोग कैसे समाज में बदलाव ला सकता है। 'से हेल्प' ऐप ने साबित कर दिया है कि सही समय पर सही जानकारी प्राप्त करना कितना महत्वपूर्ण है, विशेषकर मानव तस्करी की रोकथाम के लिए। हम सभी को ऐसे प्रयासों का समर्थन करना चाहिए।
NationPress
06/11/2025

Frequently Asked Questions

क्या 'से हेल्प' ऐप सुरक्षित है?
हाँ, 'से हेल्प' ऐप एक सुरक्षित प्लेटफार्म है जो इमरजेंसी में तुरंत सहायता प्रदान करता है।
कौन सी सुविधाएं 'से हेल्प' ऐप में हैं?
'से हेल्प' ऐप में लाइव वीडियो स्ट्रीमिंग, मैप ट्रैकिंग, और हेल्थ चेक-अप फीचर्स मौजूद हैं।
दिल्ली पुलिस ने कब और कैसे छापेमारी की?
दिल्ली पुलिस ने 30-31 अक्टूबर 2025 को एक छापेमारी की, जिसमें एक फर्जी ग्राहक ने 2,000 रुपए के चिह्नित नोट दिए।