क्या एजुकेशन बिल में सुझाए गए संशोधन अभिभावकों के हक में हैं?

सारांश
Key Takeaways
- एजुकेशन बिल में अभिभावकों के हित में संशोधन पेश किए गए हैं।
- आतिशी का कहना है कि यह बिल फर्जीवाड़ा है।
- कुछ अभिभावक इस बिल का स्वागत कर रहे हैं।
- दिल्ली सरकार ने पारदर्शिता का आश्वासन दिया है।
- बिल के आने से डीएसईआर समाप्त नहीं होगा।
नई दिल्ली, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली विधानसभा में प्रस्तुत एजुकेशन बिल को आम आदमी पार्टी (आप) ने 'फर्जीवाड़ा' की संज्ञा दी है। ‘आप’ विधायक आतिशी का कहना है कि यह बिल निजी स्कूलों की बढ़ती फीस को वैधता प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है।
मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी के विधायक दल ने इस बिल में कई संशोधन पेश किए हैं। अब यह देखना होगा कि क्या इन संशोधनों पर चर्चा होगी। हमें उम्मीद है कि जो संशोधन अभिभावकों के हित में हैं, भाजपा उनका समर्थन करेगी।
आतिशी ने यह भी कहा कि आज सैकड़ों अभिभावक चांदगीराम अखाड़े पर विरोध प्रदर्शन के लिए उपस्थित थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। बीजेपी कुछ कार्यकर्ताओं को बुलाकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का धन्यवाद करवाना चाहती है। आतिशी ने कहा, “आज हम फीस को लेकर महत्वपूर्ण संशोधन पेश करेंगे। इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि बीजेपी अभिभावकों के साथ है या स्कूल मालिकों के साथ।”
इस बीच, कुछ अभिभावकों ने इस बिल का स्वागत किया और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि यह निजी स्कूलों और कॉलेजों की मनमानी पर अंकुश लगाएगा। एक अभिभावक ने कहा, “हम खुश हैं, क्योंकि इस बिल से लाखों अभिभावकों को राहत मिलेगी। स्कूल और कॉलेज फीस बढ़ा रहे थे, लेकिन अब उनकी मनमानी रुकेगी। हम रेखा दीदी (रेखा गुप्ता) का धन्यवाद करने आए हैं, जिन्होंने यह अच्छा फैसला लिया।”
इस बिल को लेकर राजनीतिक तनाव बढ़ गया है, क्योंकि आप बीजेपी पर स्कूल मालिकों का पक्ष लेने का आरोप लगा रही हैं। दूसरी ओर, अभिभावक इसे राहत की सांस मानते हैं। अब सबकी नजर विधानसभा में होने वाली चर्चा और संशोधनों पर है।
बता दें, प्राइवेट स्कूलों की फीस पर नियंत्रण लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने 'दिल्ली स्कूल एजुकेशन ट्रांसपेरेंसी इन फिक्सेशन एंड रेगुलेशन ऑफ फीस 2025' बिल सोमवार को पेश किया। दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया कि यह बिल पारदर्शी तरीके से प्राइवेट स्कूलों की फीस को नियंत्रित करेगा।
बिल पर उठ रहे सवालों के जवाब में आशीष सूद ने कहा, "यह महत्वपूर्ण है कि इस बिल के आने से दिल्ली स्कूल एजुकेशन रेगुलेटरी एक्ट 1973 (डीएसईआर) समाप्त नहीं हो रहा है; उसके प्रावधान अब भी लागू हैं, जो शिक्षा के कई मुद्दों को कवर करते हैं। इसे संसद ने बनाया है; इसे हम समाप्त नहीं कर सकते।"