क्या डीएमके ने विधानसभा चुनाव की तैयारी तेज कर दी है?

सारांश
Key Takeaways
- डीएमके ने विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है।
- मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की अध्यक्षता में बैठक हुई।
- बैठक में सदस्यता अभियान की समीक्षा की गई।
- हर बूथ पर नए सदस्यों को जोड़ने का लक्ष्य।
- इस बैठक को आगामी रणनीति के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
चेन्नई, 17 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में अब एक वर्ष से भी कम समय शेष है। इस परिप्रेक्ष्य में, सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने चुनाव की तैयारी आरंभ कर दी है। इसी सिलसिले में, प्रदेश के मुख्यमंत्री और डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने गुरुवार को पार्टी के जिला सचिवों की एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें चुनावी रणनीति पर चर्चा होगी।
यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित की जाएगी। डीएमके महासचिव दुरई मुरुगन द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, इस बैठक का उद्देश्य 'ओरानियिल तमिलनाडु - सदस्यता नामांकन अभियान' के तहत पार्टी के चल रहे सदस्यता अभियान की समीक्षा करना और उसे गति देना है।
दुरई मुरुगन ने सभी जिला सचिवों से बैठक में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने का आग्रह करते हुए कहा कि उनका मुख्य एजेंडा सदस्यता नामांकन पहल की प्रगति का आकलन करना होगा।
यह अभियान डीएमके की जमीनी स्तर पर उपस्थिति को सशक्त बनाने के लिए है, जिसमें हर बूथ पर नए सदस्यों को जोड़ा जाएगा और आगामी चुनावों के लिए पार्टी की मशीनरी को तैयार किया जाएगा।
इस वर्ष की शुरुआत में आरंभ किया गया सदस्यता अभियान पार्टी की व्यापक चुनावी रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री स्टालिन ने स्थानीय नेताओं को निर्देश दिया है कि वे हर बूथ में कम से कम 30 प्रतिशत मतदाताओं को डीएमके का सदस्य बनाएं। इसके साथ ही प्रगति की निगरानी के लिए दैनिक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
इस बैठक को आने वाले महीनों में होने वाली कई महत्वपूर्ण उच्च-स्तरीय चर्चाओं का शुरुआती कदम माना जा रहा है।
2026 की पहली छमाही में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए, डीएमके अपनी स्थिति को मजबूत करने और अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरने का कार्य कर रही है। यह चुनाव बहुत कड़ा होने की उम्मीद है।
आने वाले हफ्तों में पार्टी अधिक डिजिटल तरीके से लोगों से जुड़ने और जिला स्तर पर काम करने की नई योजनाएं बता सकती है। यह बैठक मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की अगुवाई में हुई, जिससे पार्टी अब संगठन और योजना बनाने के अगले बड़े चरण में जा रही है।