क्या डीएमआरसी ने फेज 4 में गोल्डन लाइन पर एक बड़ी सुरंग का काम पूरा किया?

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क्या डीएमआरसी ने फेज 4 में गोल्डन लाइन पर एक बड़ी सुरंग का काम पूरा किया?

सारांश

दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने फेज 4 के अंतर्गत गोल्डन लाइन पर एक विशाल सुरंग का निर्माण सफलतापूर्वक पूरा किया है। यह तकनीकी सफलता सुरंग निर्माण में नई संभावनाएँ खोलती है। जानिए इस उपलब्धि के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।

Key Takeaways

  • डीएमआरसी ने गोल्डन लाइन पर 1550 मीटर लंबी सुरंग का निर्माण किया।
  • सुरंग निर्माण के लिए टीबीएम का उपयोग किया गया।
  • सुरंग की औसत गहराई 22.86 मीटर है।
  • सुरंग निर्माण में ईपीबीएम तकनीक का उपयोग किया गया।
  • सुरंग का निर्माण सुरक्षा मानकों के साथ किया गया।

नई दिल्ली, 25 जून (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने फेज 4 में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की है। गोल्डन लाइन पर एक और विशाल सुरंग का निर्माण सफलतापूर्वक पूरा किया गया है।

डीएमआरसी के मुख्य कार्यकारी निदेशक (कॉर्पोरेट संचार) अनुज दयाल द्वारा बुधवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी दी गई कि फेज 4 के अंतर्गत तुगलकाबाद-एयरोसिटी कॉरिडोर पर किशनगढ़ और वसंत कुंज स्टेशन के बीच एक भूमिगत सुरंग का निर्माण पूरा कर लिया गया है। टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) ने आज सुबह वसंत कुंज स्टेशन पर 1550 मीटर लंबी सुरंग खोदने में सफलता पाई। इस कार्य के लिए 91 मीटर लंबी टीबीएम का उपयोग किया गया। एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर के हिस्से के रूप में इस खंड पर ऊपर और नीचे की आवाजाही के लिए दो समानांतर गोलाकार सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है। इसी तरह के समानांतर सुरंग में खोदने में सफलता 06.03.2025 को प्राप्त हुई थी।

नई सुरंग का निर्माण लगभग 22.86 मीटर की औसत गहराई पर किया गया है (न्यूनतम गहराई 15.48 मीटर और अधिकतम 30.25 मीटर)। सुरंग में लगभग 1105 रिंग्स स्थापित की गई हैं, जिनका आंतरिक व्यास 5.8 मीटर है।

सुरंग का निर्माण ईपीबीएम (अर्थ प्रेशर बैलेंसिंग मेथड) की सिद्ध तकनीक का उपयोग करके किया गया है, जिसमें प्रीकास्ट टनल रिंग से बनी कंक्रीट लाइनिंग शामिल है। इन टनल रिंग को मुंडका में स्थापित एक पूरी तरह से मशीनीकृत कास्टिंग यार्ड में ढाला गया था। कंक्रीट खंडों को जल्दी मजबूती प्राप्त करने के लिए स्टीम क्योरिंग सिस्टम से ठीक किया गया था।

मौजूदा संरचनाओं के नीचे सुरंग का निर्माण करते समय सभी आवश्यक सुरक्षा सावधानियां बरती गईं। आस-पास की संरचनाओं पर लगे अत्यधिक संवेदनशील उपकरणों से जमीन की गतिविधियों पर नजर रखी गई, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं भी कोई बस्ती न हो।

अब तक स्वीकृत चरण 4 के कार्य के तहत 40.109 किलोमीटर भूमिगत लाइनों का निर्माण किया जा रहा है। एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर में कुल 19.343 किलोमीटर भूमिगत खंड हैं।

टीबीएम एक मशीन है जिसका उपयोग विभिन्न मिट्टी और चट्टानी परतों के माध्यम से एक गोलाकार क्रॉस-सेक्शन वाली सुरंगों को खोदने के लिए किया जाता है। इन्हें कठोर चट्टान से लेकर रेत तक किसी भी चीज को छेदने के लिए डिजाइन किया गया है। टीबीएम ने दुनिया भर में सुरंग बनाने के काम में क्रांति ला दी है, जिससे इमारतों और अन्य सतही संरचनाओं को नुकसान पहुंचाए बिना सुरंग खोदना संभव हो गया है।

टीबीएम विशेष रूप से भीड़भाड़ वाले शहरी क्षेत्रों में भूमिगत सुरंग निर्माण कार्य के लिए उपयोगी हैं। डीएमआरसी चरण 1 से ही अपने सुरंग निर्माण कार्य के लिए टीबीएम का उपयोग कर रहा है। चरण 3 में, जब लगभग 50 किलोमीटर भूमिगत खंड का निर्माण किया गया था, तब राष्ट्रीय राजधानी में लगभग 30 टीबीएम तैनात किए गए थे।

Point of View

बल्कि अन्य शहरी क्षेत्रों में भी सुरंग निर्माण के लिए एक मिसाल कायम करेगा।
NationPress
25/06/2025

Frequently Asked Questions

डीएमआरसी की नई सुरंग का निर्माण कब पूरा हुआ?
डीएमआरसी ने गोल्डन लाइन पर नई सुरंग का निर्माण 25 जून 2023 को पूरा किया।
इस सुरंग की लंबाई कितनी है?
यह सुरंग 1550 मीटर लंबी है।
सुरंग का निर्माण किस तकनीक से किया गया?
सुरंग का निर्माण ईपीबीएम तकनीक का उपयोग करके किया गया है।
क्या सुरंग निर्माण के दौरान सुरक्षा उपाय किए गए?
हाँ, सभी आवश्यक सुरक्षा सावधानियां बरती गईं और आस-पास की संरचनाओं पर नजर रखी गई।
डीएमआरसी फेज 4 में और कौन से कार्य कर रहा है?
फेज 4 में कुल 40.109 किलोमीटर भूमिगत लाइनों का निर्माण किया जा रहा है।