क्या ओडिशा में दुर्गा पूजा का शांतिपूर्ण समापन हुआ?

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क्या ओडिशा में दुर्गा पूजा का शांतिपूर्ण समापन हुआ?

सारांश

भुवनेश्वर में दुर्गा पूजा का विसर्जन समारोह शांति से संपन्न हुआ। इस अवसर पर सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया, जिससे सभी श्रद्धालुओं ने उत्साह से भाग लिया। जानें क्या खास रहा इस साल के विसर्जन में और प्रशासन की तैयारियों के बारे में।

Key Takeaways

  • दुर्गा पूजा का विसर्जन शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।
  • व्यापक सुरक्षा की व्यवस्था की गई थी।
  • शहर के विभिन्न स्थानों पर विसर्जन की व्यवस्था थी।
  • पर्यावरण संरक्षण के उपाय किए गए थे।
  • पंडालों में अलग-अलग थीम देखी गईं।

भुवनेश्वर, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में दुर्गा पूजा का समापन शांतिपूर्ण विसर्जन के साथ हुआ। डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (डीसीपी) जगमोहन मीणा ने शुक्रवार को बताया कि शहर में प्रतिमा विसर्जन के सुचारू संचालन के लिए व्यापक सुरक्षा और व्यवस्था की गई है।

भुवनेश्वर में मूर्ति विसर्जन के लिए कई स्थान चिन्हित किए गए थे। इनमें कुआखाई नदी तट, लिंगीपुर, लक्ष्मीसागर समेत कई स्थानों पर विसर्जन की व्यवस्था की गई थी। डीसीपी जगमोहन मीणा ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "सभी मार्ग और स्थल सुरक्षित हैं। वरिष्ठ अधिकारी निगरानी कर रहे हैं, जबकि अग्निशामक विभाग, भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित है।"

डीसीपी मीणा ने यातायात, कानून-व्यवस्था और भीड़ प्रबंधन के लिए आधी रात तक अतिरिक्त बल तैनात करने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शहर में 193 पंडलों पर सीसीटीवी निगरानी, वर्दीधारी और सादे लिबास के पुलिसकर्मी तैनात हैं। डीजे, लेजर लाइट्स और पटाखों पर प्रतिबंध लगाया गया, केवल पारंपरिक वाद्य यंत्रों की अनुमति दी गई है। ध्वनि स्तर 65 डेसिबल से अधिक नहीं होना चाहिए।

घटिकिया दुर्गा पूजा समिति के संजीव कुमार नंदा ने विसर्जन के सफल समापन पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "विसर्जन में भाग लेना सुखद रहा। मां दुर्गा का विदा होना भावुक है, लेकिन अगले वर्ष फिर स्वागत करेंगे।"

उन्होंने प्रशासन और नगर निगम की व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए कहा, "उचित नावें, वाहन और बचाव दल तैनात हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए भी जरूरी उपाय किए गए हैं। प्रशासन, पुलिस और स्वयंसेवकों के सामूहिक प्रयासों से सब कुछ अनुशासित रहा।"

बता दें कि इस वर्ष भुवनेश्वर में 187 पंडाल लगे, जिसमें कई तरह की थीम अपनाई गई। 'नो ड्रग्स' थीम पर बना पंडाल भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। त्योहार से पहले बीएमसी ने खास तैयारी की थी, कई जगहों पर सड़कें सुधारी गईं और बायो-टॉयलेट लगाए गए। वहीं, बिजली विभाग ने बाधक तार हटाए।

Point of View

यह कहना उचित है कि ओडिशा में दुर्गा पूजा का विसर्जन एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक घटना है। यह न केवल ओडिशा की धार्मिक विविधता को दर्शाता है, बल्कि प्रशासन की तत्परता और सुरक्षा व्यवस्था को भी उजागर करता है।
NationPress
03/10/2025

Frequently Asked Questions

ओडिशा में दुर्गा पूजा का विसर्जन कब हुआ?
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में दुर्गा पूजा का विसर्जन 3 अक्टूबर को हुआ।
विसर्जन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था कैसी थी?
विसर्जन के दौरान व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई थी, जिसमें पुलिस और अन्य एजेंसियों की तैनाती शामिल थी।
इस वर्ष भुवनेश्वर में कितने पंडाल लगाए गए थे?
इस वर्ष भुवनेश्वर में 187 पंडाल लगाए गए थे।