क्या ईसीआई ने ईवीएम मतपत्रों को अधिक पठनीय बनाने के लिए दिशानिर्देशों में संशोधन किया?

सारांश
Key Takeaways
- ईसीआई ने ईवीएम मतपत्रों की पठनीयता को बढ़ाने के लिए दिशानिर्देशों में संशोधन किया है।
- बिहार में पहली बार रंगीन तस्वीरें और प्रमुख सीरियल नंबर प्रदर्शित होंगे।
- फॉन्ट का आकार 30 होगा और यह बोल्ड में लिखा जाएगा।
- मतदाताओं की सुविधा और चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता के लिए यह पहल महत्वपूर्ण है।
- विपक्ष ने इस बदलाव के खिलाफ विरोध प्रकट किया है।
नई दिल्ली, 17 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने ईवीएम मतपत्रों को और अधिक पठनीय बनाने के लिए दिशानिर्देशों में संशोधन किया है, जिसकी शुरुआत बिहार से होगी। बिहार विधानसभा चुनाव में पहली बार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरें होंगी और सीरियल नंबर भी पहले से अधिक प्रमुखता से प्रदर्शित किए जाएंगे।
चुनाव आयोग ने ईवीएम मतपत्रों की स्पष्टता और पठनीयता को बढ़ाने के लिए चुनाव संचालन नियम 1961 के नियम 49बी के तहत मौजूदा दिशानिर्देशों में संशोधन किया है। यह पहल चुनाव प्रक्रियाओं को और बेहतर बनाने तथा मतदाताओं की सुविधा को बढ़ाने के लिए पिछले 6 महीनों में ईसीआई द्वारा की गई 28 पहलों में से एक है।
चुनाव आयोग के अनुसार, अब से ईवीएम मतपत्रों पर उम्मीदवारों की तस्वीरें रंगीन प्रदर्शित होंगी। बेहतर दृश्यता के लिए, उम्मीदवार का चेहरा फोटो के तीन-चौथाई हिस्से पर होगा। उम्मीदवारों और नोटा के सीरियल नंबर भारतीय अंकों के अंतरराष्ट्रीय रूप में मुद्रित किए जाएंगे। स्पष्टता के लिए फॉन्ट का आकार 30 होगा और यह बोल्ड में लिखा जाएगा।
ईसीआई ने कहा कि एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए सभी उम्मीदवारों और नोटा के नाम एक ही फॉन्ट प्रकार और आसानी से पढ़े जाने के लिए पर्याप्त बड़े फॉन्ट आकार में मुद्रित किए जाएंगे। ईवीएम मतपत्र 70 जीएसएम कागज पर मुद्रित किए जाएंगे। विधानसभा चुनावों के लिए निर्दिष्ट आरजीबी मानों के गुलाबी रंग के कागज का उपयोग किया जाएगा। आने वाले चुनावों में उन्नत ईवीएम मतपत्रों का उपयोग किया जाएगा, जिसकी शुरुआत बिहार से होगी।
बता दें कि बिहार में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कराया गया, जिसका विपक्ष लगातार विरोध कर रहा है। विपक्ष ने चुनाव आयोग पर वोट चोरी के आरोप लगाए हैं। ऐसे में चुनाव आयोग द्वारा ईवीएम मतपत्रों को अधिक पठनीय बनाने के लिए दिशानिर्देश में किया गया संशोधन काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।