क्या री-एजेंट घोटाले में ईडी की कार्रवाई से दो लग्जरी वाहनों के साथ 40 करोड़ की संपत्ति जब्त हुई?

सारांश
Key Takeaways
- ईडी ने 40 करोड़ की संपत्ति जब्त की।
- दो लग्जरी वाहन शामिल हैं।
- आरोपी अधिकारियों पर कार्रवाई की जा रही है।
- घोटाले के कारण राज्य को नुकसान हुआ।
- जांच प्रक्रिया जारी है।
रायपुर, 6 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। री-एजेंट प्रोक्योरमेंट घोटाले में प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने दो लग्जरी गाड़ियों के साथ 40 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की संपत्ति जब्त की है।
प्रवर्तन निदेशालय के रायपुर जोनल ऑफिस ने छत्तीसगढ़ के दुर्ग में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के तहत शशांक चोपड़ा और अन्य से संबंधित री-एजेंट प्रोक्योरमेंट घोटाले में तलाशी अभियान शुरू किया।
सर्च अभियान के दौरान पीएमएलए 2002 की धारा 17(1) के तहत दो लग्जरी वाहन (एक पोर्श केयेन कूप और एक मर्सिडीज-बेंज) जब्त किए गए, जो मोक्षित कॉर्पोरेशन के हैं। यह फर्म शशांक चोपड़ा और उनके पिता शांतिलाल चोपड़ा के नाम पर पंजीकृत है।
रायपुर की एसीबी और ईओडब्ल्यू ने मोक्षित कॉर्पोरेशन और छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससीएल) तथा स्वास्थ्य सेवा निदेशालय (डीएचएस) के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कथित आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार के लिए एफआईआर दर्ज की थी। इसके आधार पर ईडी ने जांच आरंभ की। एफआईआर में एसीबी और ईओडब्ल्यू द्वारा एक आरोप पत्र भी दायर किया गया है।
एफआईआर और चार्जशीट के अनुसार, शशांक चोपड़ा, डीएचएस और सीजीएसएमसीएल के अधिकारियों और अन्य ने निविदा प्रक्रियाओं में हेरफेर करने, मनगढ़ंत मांग करने और सीजीएमएससीएल को बढ़ी हुई कीमतों पर चिकित्सा उपकरण और री-एजेंट की आपूर्ति करने के लिए एक आपराधिक साजिश रची, जिससे राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और खुद को भी लाभ मिला।
विभाग द्वारा 30 जुलाई को आरोपियों के ठिकानों पर तलाशी और जब्ती कार्रवाई की गई। लग्जरी गाड़ियों के साथ 40 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्तियां जब्त की गईं। इस मामले में ईडी की आगे की जांच जारी है।