क्या वीएपीएल मामले में ईडी की कार्रवाई से एसबीआई को लौटाई जाएंगी 55.85 करोड़ रुपए की संपत्तियां?

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क्या वीएपीएल मामले में ईडी की कार्रवाई से एसबीआई को लौटाई जाएंगी 55.85 करोड़ रुपए की संपत्तियां?

सारांश

प्रवर्तन निदेशालय ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भारतीय स्टेट बैंक के लिए 55.85 करोड़ रुपए की संपत्तियों की बहाली प्रक्रिया शुरू की है। यह कार्रवाई मेसर्स वरॉन एल्युमीनियम प्राइवेट लिमिटेड (वीएपीएल) से जुड़े धोखाधड़ी मामलों में की गई है। जानें, इस मामले का पूरा विवरण और इसके पीछे की कहानी।

Key Takeaways

  • ईडी ने एसबीआई के लिए 55.85 करोड़ रुपए की संपत्तियों की बहाली प्रक्रिया शुरू की।
  • ये संपत्तियां वीएपीएल से जुड़े धन शोधन मामलों में कुर्क की गई थीं।
  • पीएमएलए कानून के तहत संपत्तियों की वापसी की प्रक्रिया का पालन किया गया।

मुंबई, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुंबई कार्यालय ने एक बड़े बैंक धोखाधड़ी मामले में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को लगभग 55.85 करोड़ रुपए मूल्य की अचल संपत्तियों की बहाली प्रक्रिया आरंभ कर दी है। ये संपत्तियां मेसर्स वरॉन एल्युमीनियम प्राइवेट लिमिटेड (वीएपीएल) और उसकी समूह कंपनियों से जुड़े धन शोधन के मामले में कुर्क की गई थीं। इन संपत्तियों की कीमत वर्ष 2021 के मूल्यांकन के अनुसार निर्धारित की गई है।

ईडी ने यह कार्रवाई सीबीआई, बीएसएंडएफसी, मुंबई द्वारा दर्ज की गई उस एफआईआर के आधार पर प्रारंभ की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि मेसर्स वरॉन एल्युमीनियम प्राइवेट लिमिटेड और अन्य संबद्ध कंपनियों ने बैंक ऑफ इंडिया और एसबीआई को क्रमशः 293.74 करोड़ और 401.25 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का शिकार बनाया।

सीबीआई के आरोपपत्र के अनुसार, वीएपीएल की ओर से केनरा बैंक द्वारा 300 करोड़ रुपए का मैनुअल लेटर ऑफ क्रेडिट (एलसी) उसकी समूह कंपनी मेसर्स वीएसीपीएल के पक्ष में जारी किया गया था, जिसे फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करते हुए बैंक ऑफ इंडिया में बिना उचित सत्यापन के भुना लिया गया।

ईडी की जांच में पता चला कि पुराने लेटर ऑफ क्रेडिट का भुगतान करने के लिए नए साख पत्र खोले जा रहे थे। वीएपीएल, वीआईपीएल और अन्य फर्जी संस्थाओं के नाम पर चक्रीय तरीके से ऋण लिए गए, जिससे पुराने ऋण चुकाने और अन्य बैंकों से लिए गए कैश क्रेडिट दायित्वों को कम दिखाने का काम किया जाता था।

जांच के दौरान ईडी ने कुल 179.27 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों की पहचान कर दो कुर्की आदेश जारी किए।

पीएमएलए कानून के अनुसार, जब यह साबित हो जाए कि कोई संपत्ति अवैध माध्यमों से अर्जित हुई है, लेकिन उसका वैध स्वामी निर्दोष है तो ऐसी संपत्तियों को वापस करना अनिवार्य होता है। इसी प्रावधान के तहत ईडी लगातार ऐसे मामलों में पीड़ितों और वैध दावेदारों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहा है।

एसबीआई ने भी इसी प्रावधान का उपयोग करते हुए विशेष पीएमएलए अदालत, मुंबई में कुर्क की गई अचल संपत्तियों पर अपना दावा प्रस्तुत किया। बैंक ने 55.85 करोड़ रुपए मूल्य की तीन संपत्तियों पर अधिकार मांगते हुए एक विविध आवेदन दाखिल किया था।

ईडी ने अदालती सुनवाई के दौरान एक हलफनामा दाखिल कर स्पष्ट किया कि उसे एसबीआई के इन संपत्तियों पर दावे पर कोई आपत्ति नहीं है और वह बहाली की प्रक्रिया को समर्थन देता है।

इसके बाद, 26 सितंबर 2025 को विशेष पीएमएलए अदालत, मुंबई ने अपना आदेश जारी करते हुए एसबीआई के दावे को मंजूरी दे दी और बैंक को कुल 55.85 करोड़ रुपए मूल्य की तीन अचल संपत्तियों की बहाली का आदेश दिया।

Point of View

यह आवश्यक है कि ऐसे वित्तीय मामलों में उचित कार्रवाई की जाए। प्रवर्तन निदेशालय की इस कार्रवाई से न केवल बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि आम जनता का विश्वास भी बढ़ेगा। हम सभी को इस प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता की उम्मीद है।
NationPress
17/11/2025

Frequently Asked Questions

ईडी ने क्यों संपत्तियों को लौटाने का निर्णय लिया?
ईडी ने संपत्तियों को लौटाने का निर्णय पीएमएलए कानून के तहत लिया, जब यह साबित हो गया कि संपत्तियां अवैध तरीके से अर्जित की गई थीं लेकिन उनका वैध स्वामी निर्दोष है।
एसबीआई ने संपत्तियों पर दावा क्यों किया?
एसबीआई ने संपत्तियों पर दावा इस आधार पर किया कि ये संपत्तियां बैंक को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए आवश्यक हैं।
क्या वीएपीएल पर कोई अन्य आरोप हैं?
हां, वीएपीएल और उसकी समूह कंपनियों पर बैंक धोखाधड़ी और धन शोधन से जुड़े कई आरोप हैं।
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